महाराष्ट्र की राजनीति में आज एक बड़ा बदलाव देखने को मिला जब चचेरे भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे करीब दो दशक में पहली बार वर्ली के एनएसआईसी डोम में संयुक्त “विजय रैली” के लिए पहुंचे। इस रैली का आयोजन महाराष्ट्र में तीन-भाषा नीति पर दो विवादास्पद सरकारी प्रस्तावों को वापस लेने के भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के फैसले का जश्न मनाने के लिए किया गया। मराठी विजय दिवस नामक इस कार्यक्रम का आयोजन शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) द्वारा वर्ली में किया जा रहा है। रैली में मनसे नेता ने कहा कि सीएम देवेंद्र फडणवीस वह करने में कामयाब रहे जो बालासाहेब ठाकरे नहीं कर सके, मुझे और उद्धव को एक साथ लाना।
रैली में राज ठाकरे ने कहा, “मंत्री दादा भुसे मेरे पास आए और मुझसे उनकी बात सुनने का अनुरोध किया। मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी बात सुनूंगा लेकिन राजी नहीं होऊंगा। मैंने उनसे पूछा कि उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के लिए तीसरी भाषा क्या होगी। सभी हिंदी भाषी राज्य हमसे पीछे हैं और हम सभी हिंदी भाषी राज्यों से आगे हैं, फिर भी हमें हिंदी सीखने के लिए मजबूर किया जा रहा है। क्यों?”
रैली में राज ठाकरे ने कहा, “त्रिभाषा फॉर्मूले पर फैसला मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश का मुख्य हिस्सा था। महाराष्ट्र सरकार ने मराठी लोगों की मजबूत एकता के कारण त्रिभाषा फार्मूले पर फैसला वापस लिया।” उन्होंने आगे कहा, “दक्षिण भारत के कई राजनीतिक नेता और फिल्मी हस्तियां अंग्रेजी विद्यालयों में पढ़ी लेकिन उन्हें तमिल और तेलुगु भाषा पर गर्व है। बालासाहेब ठाकरे ने अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाई की, अंग्रेजी अखबार में काम किया लेकिन मराठी को लेकर कभी समझौता नहीं किया।”
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मराठी तो आनी ही चाहिए- राज ठाकरे
राज ठाकरे ने आगे कहा, “चाहे गुजराती हो या कोई और, मराठी तो आनी ही चाहिए लेकिन अगर कोई मराठी नहीं बोलता तो उसे पीटने की ज़रूरत नहीं है लेकिन अगर कोई बेकार का ड्रामा करे तो उसके कान के नीचे मारो। मैं आपको एक और बात बताता हूं अगर आप किसी को पीटते हैं तो घटना का वीडियो न बनाएं। पीटे गए व्यक्ति को बताएं कि उसे पीटा गया है, आपको हर किसी को यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि आपने किसी को पीटा है।”
हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं- उद्धव ठाकरे
वहीं, मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, “हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं।” उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, “वे हमसे हमेशा पूछते हैं कि हमने बीएमसी में अपने शासन के दौरान मुंबई में मराठी लोगों के लिए क्या किया। अब हम सवाल पूछ रहे हैं, आपके शासन के पिछले 11 वर्षों में, आपने क्या किया है? आपने मुंबई के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को गुजरात में धकेल दिया है। व्यवसायों को गुजरात में स्थानांतरित किया जा रहा है। बड़े कार्यालय गुजरात जा रहे हैं। हीरा व्यवसाय पहले ही गुजरात में स्थानांतरित हो चुका है, इसलिए आपने महाराष्ट्र की रीढ़ तोड़ने के सभी प्रयास किए हैं और ऐसा करना जारी रखा है और आप हमसे सवाल पूछ रहे हैं।” पढ़ें- राज ठाकरे ने विजय रैली में हिंदी-मराठी विवाद पर दिया बड़ा बयान