आयकर विभाग ने बृहस्पतिवार को खनन एवं खनिज निर्यात कंपनियों के खिलाफ कर चोरी की जांच के सिलसिले में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 100 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु के चेन्नई, कोयंबटूर, तिरुनेलवेली, तूतीकोरिन एवं कराइकल और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम एवं श्रीकाकुलम में कम से कम चार ऐसे कारोबारी समूहों के ठिकानों पर तलाशी ली जा रही है।  आयकर अधिकारियों ने एक कंपनी की पहचान तमिलनाडु के वी वी मिनरल्स के तौर पर की है। कंपनी के मालिक वैकुंदराजन साउथ के बड़े व्यापारियों में गिने जाते हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आयकर विभाग के 130 से ज्यादा अधिकारी सुरक्षा एवं पुलिसर्किमयों की मदद से इस अभियान को अंजाम दे रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि जिन कंपनियों की तलाशी ली जा रही है वे खनन, समुद्र तटीय रेत खनिजों के प्रसंस्करण और निर्यात के काम में कथित तौर पर अवैध रूप से शामिल हैं जिसकी वजह से आयकर विभाग उनके खिलाफ कर चोरी के आरोप की छानबीन कर रहा है।

उन्होंने बताया कि, इसके जरिए हासिल किया गया कथित अवैध मुनाफा इन समूहों ने चीनी मिलों, होटलों, इंजीनियंरिंग कॉलेजों और होटल जैसे अपने अन्य कारोबार में लगाया। अधिकारियों ने बताया कि इन कंपनियों ने कर कानूनों का उल्लंघन कर विदेशों से भी कुछ लेन-देन किया। विभाग इस पहलू की भी जांच कर रहा है। अधिकारी छापे के दौरान ऐसे दस्तावेजों की तलाश में हैं ताकि इन आरोपों की पुष्टि हो सके।

मीडिया सूत्रों की मानें तो वीवी मिनरल्स कंपनी के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद ये कार्रवाई हुई है। आयकर विभाग ने वीवी मिनरल्स के समाचार चैनल के दफ्तर में भी छापा मारा।

शिकायतों के मुताबिक यह कंपनी ग़ैरकानूनी खनन के अलावा समुद्रतट पर मिलने वाली रेत के अवैध निर्यात में भी शामिल बताई जाती है। आयकर अधिकारियों के मुताबिक अवैध गतिविधियों से हासिल किए धन का निवेश अन्य कारोबार में किया गया है।