लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली से कांग्रेस पार्टी के सासंद राहुल गांधी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अपने रायबरेली दौरे पर कहा कि उनकी पार्टी चाहती थी कि बीजेपी से मुकाबला करने के लिए मायावती गठबंधन में चुनाव लड़ें लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राहुल गांधी ने कहा कि हमारे प्रस्ताव को मायावती ने ठुकरा दिया।
रायबरेली के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने बरगद चौराहे के पास ‘मूल भारती’ छात्रावास के अनुसूचित जाति के छात्रों के एक समूह के साथ बसपा के संस्थापक कांशीराम की भूमिका के बारे में भी बातचीत की। उन्होंने कहा, ”मेरा मानना है कि कांशीराम जी ने नींव रखी और ‘बहनजी’ ने उस पर निर्माण किया।”
इसके बाद उन्होंने मायावती के मौजूदा राजनीतिक रुख पर सवाल उठाते हुए कहा, ”मैं चाहता था कि ‘बहनजी’ हमारे साथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ लड़ें, लेकिन किसी कारण से उन्होंने ऐसा नहीं किया। यह बेहद निराशाजनक है। अगर तीनों पार्टियां एकजुट होतीं, तो बीजेपी कभी नहीं जीत पाती।”
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मायावती ने किया पलटवार
राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए मायावती ने X पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि कांग्रेस पार्टी जिन राज्यों में मजबूत है या जहां उनकी सरकारें हैं, वहां बीएसपी व उनके समर्थकों के साथ द्वेष व जातिवादी रवैया है, किन्तु यूपी जैसे राज्य में जहां कांग्रेस कमजोर है, वहां बीएसपी से गठबंधन की बरगलाने वाली बातें करना यह उस पार्टी का दोहरा चरित्र नहीं तो और क्या है?
उन्होंने एक अन्य पोस्ट में में कहा कि बीएसपी ने यूपी व अन्य राज्यों में जब भी कांग्रेस जैसी जातिवादी पार्टियों के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा है, तब हमारा बेस वोट उन्हें ट्रांसफर हुआ है लेकिन वे पार्टियां अपना बेस वोट बीएसपी को ट्रांसफर नहीं करा पायी हैं। ऐसे में बीएसपी को हमेशा घाटे में ही रहना पड़ा है।
बीएसपी प्रमुख ने आगे कहा कि कांग्रेस व बीजेपी आदि का चाल, चरित्र, चेहरा हमेशा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर, उनकी अनुयायी बीएसपी व उसके नेतृत्व, उनके दलित-बहुजन समर्थकों और आरक्षण आदि का घोर विरोधी रहा है।
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