कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी बीते गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) कार्यालय पहुंचे, जिसको लेकर हंगामा मच गया। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा कि राहुल गांधी बिना किसी सूचना के परिसर में चले आए और ये कोई पहला मौका नहीं है। इससे पहले वो साल 2023 में भी विश्वविद्यालय परिसर में बिना किसी सूचना के पहुंचे थे। यूनिवर्सिटी की प्रॉक्टर रजनी अब्बी ने इसको लेकर बयान जारी करते हुए कहा कि राहुल गांधी के डूसू ऑफिस पहुंचने के बाद कुछ छात्रों को डूसू सचिव के कमरे में बंद कर दिया गया और बाद में उनके साथ एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने गलत व्यवहार भी किया।

डीयू पहुंचे राहुल गांधी का डूसू अध्यक्ष रौनक खत्री के ने स्वागत किया, जिसके बाद खत्री ने उन्हें नॉर्थ और साउथ कैंपस में लगवाए गए मटका अभियान की जानकारी दी। ये कार्यक्रम डूसू अध्यक्ष की ओर से आयोजित किया गया था। लेकिन इससे पहले 2023 में डीयू के पीजी मेंस हॉस्टल मेस पहुंचे थे। राहुल गांधी के इस दौरे को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई थी।

काफी देर के बाद डूसू सचिव को मिली जाने की इजाजत

राहुल गांधी के डूसू आने को लेकर डूसू सचिव और एबीवीपी की मित्रविंदा करनवाल ने कहा, “भारत जोड़ो न्याय यात्रा के माध्यम से लोगों से जुड़ने का दावा करने वाले राहुल गांधी छात्रों जैसी एक छोटी सी बात भूल गए । लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बजाय राजशाही यात्राओं की याद दिलाने वाले राहुल गांधी और उनके वीवीआईपी दल, एनएसयूआई नेताओं ने डूसू कार्यालय की घेराबंदी कर दी, यहां तक ​​कि मुझे और मेरी टीम को भी प्रवेश नहीं करने दिया गया, मैं डूसू के निर्वाचित सचिव हूं।”

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डूसू सचिव ने आगे कहा, “जब मैंने अपने ऑफिस में प्रवेश करने का प्रयास किया, तो मुझे ‘वीवीआईपी प्रोटोकॉल’ का हवाला देकर गेट बंद कर दिया गया। लंबी बातचीत के बाद मुझे प्रवेश की अनुमति दी गई, वो भी अकेले। ऐसे में मैंने वहां जाना उचित नहीं समझा। मैंने अन्य छात्रों को पीछे छोड़ने से इनकार कर दिया, खासकर जब कई छात्र अपनी-अपनी समस्याओं के साथ इंतजार कर रहे थे।