बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी उठापटक का दौर जारी है। हाल ही में राजद के वरिष्ठ नेताओं में शुमार रघुवंश प्रसाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद ही पार्टी में हलचल मच गई। आनन-फानन में रघुवंश की चिट्ठी के जवाब में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी उन्हें पत्र लिखा था और कहा था कि आप कहीं नहीं जा रहे, स्वस्थ हो जाइए, फिर बैठकर बात करेंगे। हालांकि, लालू के पत्र का पार्टी कैडर पर कोई खास असर नहीं होता दिखा, क्योंकि राजद के हालिया पोस्टर से रघुवंश प्रसाद की तस्वीर गायब दिखी।
बताया जा रहा है कि राजद के शीर्ष नेतृत्व ने मान लिया है कि रघुवंश अब पार्टी में नहीं लौटेंगे। ऐसे में शनिवार को राजद के दफ्तर में हुए मिलन समारोह में जो पोस्टर लगाया गया, उसमें रघुवंश की तस्वीर शामिल नहीं की गई। खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में लालू के बेटे तेजप्रताप यादव भी मौजूद थे। उन्होंने शीर्ष नेतृत्व को संदेश में कहा कि वे नेताओं से ज्यादा कार्यकर्ताओं को तरजीह दें, क्योंकि कार्यकर्ता ही पार्टी की रीढ़ होते हैं।
तेजप्रताप यहीं नहीं रुके। चुटिले अंदाज में उन्होंने कहा कि हम कभी-कभी नेता को भी तरजीह दे देते हैं। लेकिन अगर रीढ़ (कार्यकर्ता) टूट जाएं, तो नेता गिर जाएंगे। इसलिए हम कार्यकर्ताओं को ज्यादा तरजीह देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि संगठन में लोग आते-जाते रहते हैं। अनुभवी नेताओं के बाद नए चेहरों को जगह मिलती है और यह चक्र चलता रहता है। चौंकाने वाली बात यह रही कि जब कार्यक्रम खत्म होने के बाद तेजप्रताप से रघुवंश को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने हाथ जोड़ लिए।
लालू ने चिट्ठी में क्या कहा था?: लालू प्रसाद यादव ने रघुवंश के इस्तीफे के बाद रांची से ही पत्र लिख कर कहा था, “प्रिय रघुवंश बाबू, आपके द्वारा कथित तौर पर लिखी एक चिट्ठी मीडिया में चलाई जा रही है। मुझे वो विश्वास ही नहीं होता। अभी मेरे और मेरे परिवार के साथ ही राजद परिवार भी आपको स्वस्थ होकर अपने बीच देखना चाहता है। चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक में मिल बैठकर विचार किया है। आप जल्द स्वस्थ हों, फिर बैठ के बात करेंगे। आप कहीं नहीं जा रहे हैं। समझ लीजिए। आपका, लालू प्रसाद।”