महाराष्ट्र सूखे से प्रभावित अकेला राज्य नहीं है। देश के और भी कई राज्यों में इस बार कम बारिश के कारण सूखे का अंदेशा है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने इस हकीकत को स्वीकार किया है। पर वे दावा करते हैं कि सरकार चौकस है। उसने सूखे से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। जनसत्ता से बातचीत में राधा मोहन सिंह ने पेयजल, खाद्यान्न, पीड़ित किसानों को सहायता, रोजगार, आजीविका और जल संरक्षण व सूखे से निजात जैसे सवालों पर सरकार का पक्ष रखा।
कृषि मंत्री के मुताबिक राज्य सरकारों को विश्वास में लेकर देश के छह सौ जिलों में एक आपात योजना लागू की जा रही है। इसके लिए राज्य सरकारों के साथ उनका मंत्रालय हर हफ्ते वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नवीनतम जानकारियां जुटा रहा है। कम पानी के इस्तेमाल वाली फसलों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। राज्य सरकारों ने खुद भी कई अहम कदम उठाए हैं।
पेयजल की कमी से निपटने के लिए हाथ के नलों की मरम्मत का काम बड़े स्तर पर हो रहा है। दूसरे जल निकायों को भी पुनर्जीवित करने के अलावा करीब 45 हजार नए बोरवेल स्थापित किए गए हैं। राज्य सरकारों सूखा प्रभावित जिलों में पेयजल की उपलब्धता के लिए 819 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। पहले से लागू राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को और सघनता से अमल में लाया जा रहा है। सूखा प्रभावित जिलों के स्कूलों में मिड-मील, गर्मी की छुट्टियों में भी मुहैया कराया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सूखा पीड़ित किसानों को मुआवजा देने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।