दिल्ली लोक निर्माण विभाग (PWD) स्ट्रीटलाइट्स के कामकाज पर नजर रखने के लिए स्मार्ट सेंसर स्थापित करने और सभी स्ट्रीटलाइट पोल्स को भू-टैग (geo-tag) करने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही इस योजना के माध्यम से अंधेरा भी दूर होगा। अधिकारियों ने कहा कि इस पहल के पीछे का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा सभी प्रमुख व्यस्त हिस्सों में सभी स्ट्रीट लाइटों की रोशनी, मरम्मत और रखरखाव है।

LED लाइटों को लगाया जा रहा

अधिकारियों ने कहा कि पीडब्ल्यूडी शहर भर में पुरानी हैलोजन लाइटों को एलईडी (LED) लाइटों से बदल रहा है। नए स्ट्रीटलाइट पोल (electric poles) और एलईडी लाइट्स में कई विशेषताएं होंगी। एक अधिकारी ने बताया, “हम सभी स्ट्रीट लाइट्स और बिजली के खंभों की एक सूची बना रहे हैं, जिसके बाद इन लाइटों में सेंसर लगाए जाएंगे और एक केंद्रीकृत सॉफ्टवेयर सिस्टम का उपयोग करके जियो-टैग किया जाएगा। इसलिए यदि किसी भी स्थान पर लाइट काम नहीं कर रही है या इंजीनियर को स्ट्रीट लाइट के खराब होने की शिकायत मिलती है, तो वे इसे तुरंत ठीक करवा सकते हैं।

पीडब्ल्यूडी के तहत पूरी दिल्ली में लगभग 92,000 स्ट्रीट लाइटें (92,000 streetlights installed) लगाई गई हैं। PWD विभाग राष्ट्रीय राजधानी (National Capital) दिल्ली में 1,400 किमी के महत्वपूर्ण और व्यस्त हिस्सों का रखरखाव करता है। अधिकारियों ने कहा, “हम प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं। एक बार जब यह तैयार हो जाएगा, तो टेंडर जारी किए जाएंगे और काम सौंपे जाने के बाद जमीनी काम शुरू हो जाएगा।”

दिल्ली के उपराज्यपाल ने किया शेल्टर होम का दौरा

बता दें कि पिछले हफ्ते दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (VK Sasena) शेल्टर होम (Shelter Home) का दौरा करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें यह जानकर हैरानी हुई कि दिल्ली में लोग खुले में शौच करने पर मजबूर हैं। बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अभी नागपुर में हैं

दिल्ली के एलजी ने कश्मीरी गेट (Kashmiri Gate) और हनुमान मंदिर शेल्टर होम का दौरा किया था और लोगों की समस्याएं सुनी। इस दौरान वीके सक्सेना पता चला कि दिल्ली में शौचालय और जगह की कमी के चलते कई लोग यमुना नदी के किनारे शौच करने और फुटपाथ पर सोने के लिए मजबूर हैं।