पंजाब के पटियाला में काली मंदिर के पास दो पक्षों में खालिस्तान पर जुलूस निकालने को लेकर विवाद हो गया है। ये विवाद इतना बढ़ गया कि लोग एक-दूसरे पर पथराव करने लगे। जब पुलिस ने मामले को सुलझाने की कोशिश की तो एक गुट ने पुलिस पर ही पथराव कर दिया। वहीं दूसरे पक्ष ने भी तलवार लहराना शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस को हवाई फायरिंग करके मामले पर काबू पाना पड़ा। हालात पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने पटियाला में शाम 7 बजे से 30 अप्रैल, सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाया दिया है।
वहीं, सीएम भगवंत मान ने पटियाला में हुए बवाल पर ट्वीट किया। उन्होंने कहा, “पटियाला में हुई घटना पर DGP और सभी बड़े अधिकारियों की मीटिंग बुलाई। मामले की तुरंत जांच के निर्देश दिए हैं और अधिकारियों को सख़्त हिदायत दी है कि एक भी दोषी को बख्शा न जाए। पंजाब विरोधी ताकतों को किसी भी कीमत पर पंजाब की शांति भंग नहीं करने दी जाएगी।”
खबरों के मुताबिक, शिवसेना (बाल ठाकरे) के नेता खालिस्तान के विरोध में जुलूस निकालना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी। उसके बाद भी ये जुलूस निकला और दूसरी ओर से कुछ लोग इस जुलूस के विरोध में आ गए और हिंसा भड़क गई। इस घटना में एसएचओ समेत कुछ और लोग चोटिल हो गए हैं। वहीं पुलिस को हालात संभालने के लिए हल्का सा बल प्रयोग करना पड़ा। बताया गया कि फुव्वारा चौक पर अगर ये दो पक्ष आमने सामने आ जाते तो बड़ी हिंसा हो सकती है, जिसे पुलिस ने समय रहते संभाल लिया। वैसे, फिलहाल इलाके में तनाव की स्थिति बताई जा रही है।
क्या था पूरा मामला- पंजाब के पटियाला के कुछ हिस्सों में शुक्रवार को शिवसेना (बाल ठाकरे) नेताओं के खालिस्तान विरोधी मार्च के दौरान दूसरे समूह के साथ झड़प हो गई। जिसके बाद तनाव हो गया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की। दोनों गुटों के सदस्यों ने तलवार लहराई और एक-दूसरे पर पथराव किया।
पुलिस ने क्या कहा- पटियाला जिला आयुक्त साक्षी साहनी ने एक बयान में कहा- “शांति और सद्भाव हमारे सभी धर्मों और उनके मूल लोकाचार के केंद्र में है। कोई भी विवाद या गलतफहमी हो तो भी बातचीत से इसे हल करना महत्वपूर्ण है। ऐसे में, जिला प्रशासन पटियाला सभी भाइयों और बहनों से अपील करता है कि शांति और भाईचारा बनाए रखें। वर्तमान स्थिति नियंत्रण में है और लगातार निगरानी की जा रही है। शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं”।
पटियाला रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राकेश अग्रवाल ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन अफवाहों के बाद तनाव शुरू हुआ कि कुछ प्रदर्शनकारियों पर हमला किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि निहंग, जो पहले शिवसेना द्वारा दिए गए आह्वान का मुकाबला करने के लिए दुख निवारण साहिब गुरुद्वारे में एकत्र हुए थे, खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए मंदिर की ओर बढ़े। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि निहंगों को मंदिर की ओर बढ़ने से रोकने की कोशिश में पटियाला पुलिस के एक थाना प्रभारी के हाथ में चोट लग गई। पुलिस ने फायरिंग की तो कुछ निहंग उनके सामने विरोध करते नजर आए।
सीएम ने क्या कहा- पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि पटियाला में झड़प की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सीएम ने कहा कि उन्होंने डीजीपी से बात की है और क्षेत्र में शांति बहाल कर दी गई है। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और किसी को भी राज्य में अशांति पैदा नहीं करने देंगे। पंजाब में शांति और सद्भाव अत्यंत महत्वपूर्ण है।
राघव चड्ढा का दावा- आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा- “मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि आज पटियाला में यह दुर्भाग्यपूर्ण हिंसक झड़प 2 समूहों के बीच नहीं बल्कि 2 राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच थी। एक तरफ शिवसेना और कांग्रेस के लोग थे और दूसरी तरफ शिरोमणि अकाली दल के लोग थे।
सूत्रों ने कहा कि मंदिर के अंदर मौजूद हिंदू नेताओं द्वारा भी पथराव की भी खबरें हैं, जिसके द्वार सिख प्रदर्शनकारियों को प्रवेश करने से रोकने के लिए बंद कर दिए गए थे।