आम आदमी पार्टी पंजाब में सरकार बना लेती है तो रातोरात उनकी भारतीय राजनीति में साख बदल सकती है। उनकी पार्टी जुड़ने वालों की तादाद भी इसे बढ़ेगी। अभी तक तीसरे मोर्चे में आम आदमी पार्टी को वो ट्रीटमेंट नहीं मिलता था, जो उसे चाहिए। लेकिन पंजाब चुनाव में जीत उनके लिए बहुत बड़ी छलांग होगी। केजरीवाल को ये बढ़त कांग्रेस के बूते मिलेगी। अब अरविंद केजरीवाल को अलग तरह से आंका जाएगा। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक आप की जीत की 5 वजहें हैं।
पहली ये कि पंजाब की जनता बदलाव चाह रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने से लेकर उसके बाद के दौर में चले ड्रामे ने लोगों को आहत किया है। अभी तक सूबे की राजनीति अकालियों और कांग्रेस के इदर् गिर्द घूमती रही है। अकाली दल की बीजेपी से 24 साल पुरानी दोस्ती है। जनता के मूड़ को ही देखकर आप ने इस बार नारा दिया था कि इस बार ना खावेंगे धोखा, भगवंत मान ते केजरीवाल ने दिवाएंगे मौका।
दूसरा अहम कारण केजरीवाल का दिल्ली मॉडल है। स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली सरकार का डंका बज रहा है तो बिजली के दामों के मामले में भी ये सूबा राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में है। पंजाब के लोग बिजली के बिलों से कराह रहे हैं। उन्हें लगता है कि केजरीवाल उन्हें राहत देने के लिए काम करेंगे।
केजरीवाल ने इस बार युवाओं और महिलाओं को सेपरेट वोटबैंक मानते हुए काम किया। माना जाता है कि महिला अपने परिवार की लीक पर वोट देती है। लेकिन आप मान रही है कि महिला की भी अपनी एक अलग अहमियत है। पंजाब के युवा पहले से ही बदलाव की तरफ टकटकी लगा देख रहे हैं।
भगवंत मान को सीएम का चेहरा घोषित करने से भी आप को बढ़त मिली। अभी तक आप के ऊपर बाहरी का टैग था। लेकिन मान को कैंडिडेट बनाने से ये ठप्पा उसके ऊपर से हट गया। आप की पांचवी बड़ी वजह किसान आंदोलन और मालवा की बेल्ट रही। मालवा में बदलाव की सबसे ज्यादा धमक सुनने को मिली। किसान आंदोलन के बाद भी लोग मान रहे हैं कि जो ढर्रा अभी तक चल रहा है उसमें बदलाव आना ही चाहिए।