मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की रविवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। 27 वर्षीय मूसेवाला अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। सुरक्षा कम होने के तीन दिन बाद मानसा के पास उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। सिद्धु मूसेवाला का असली नाम शुभदीप सिंह सिद्धू था। इस साल फरवरी में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान हर रैली और सड़क के किनारे की हर बैठक में वह दोहराते थे कि मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मैं यहीं रहूंगा और मैं यहीं मरूंगा।

मूसेवाला एक सेल्फ मेड पॉप सनसनी थे। वह गुस्सैल और मनमौजी भी थे और कानून के साथ उसका बार-बार टकराव होता रहता था। कई मामलों में उन पर लॉकडाउन के दौरान एक शूटिंग रेंज पर एके -47 राइफल से फायरिंग करने के लिए शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन पर अपने गीत “संजू” के साथ हिंसा और बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भी मामला दर्ज किया गया था।

सिद्धू मूसेवाला का दिल अपने गांव मूसा के लिए धड़कता था। इसीलिए उन्हें उनके नाम से नहीं बल्कि गाँव के नाम से जाना जाता था। वह लोगों को वोट मांगने के लिए गाँव-गाँव जाने के लिए कहते थे। उन्हें मानसा से कांग्रेस का टिकट मिला था, जहां उन्हें आम आदमी पार्टी (आप) के विजय सिंगला के खिलाफ खड़ा किया गया था। हैरानी की बात यह है कि उन्होंने किसी भी बड़े वादों से दूर एक बहुत ही अलग अभियान चलाया। उन्होंने स्वच्छ वातावरण को अपना चुनावी मुद्दा बनाया। प्रचार के दौरान उन्होंने कहा, “हमें उस हवा को साफ करने की जरूरत है जिसमें हम सांस लेते हैं, जो पानी हम पीते हैं, जो खाना हम खाते हैं।”

खिवा खुर्द गांव में एक सभा में बोलते हुए उन्होंने बताया था कि वह राजनीति में क्यों आए। उन्होंने कहा था, “जब मैं 23 साल का था, तब मैंने अपने माता-पिता के जीवन को बदलने के लिए एक पेशा (संगीत) चुना था। 27 साल की उम्र में मेरे पास अपने माता-पिता को देने के लिए शोहरत और पैसा है, लेकिन मैं हवा नहीं खरीद सकता। अमीर हो या गरीब हम एक ही हवा में सांस लेते हैं।”

कैंसर एक और कारण था जिसके लिए मूसेवाला ने काम किया। वह अपने गांव में सालाना फ्री कैंसर कैंप का आयोजन करते थे। उन्होंने एक बार कहा था, “हम 2,800 लोगों का एक छोटा सा गाँव हैं। लेकिन हर साल कम से कम छह से आठ लोगों को कैंसर का पता चलता है। यह सब हमारी मिट्टी और हवा में मौजूद विषाक्त पदार्थों के कारण है। उन्होंने खुद को एक किसान के रूप में भी पसंद किया और संगीत से अपनी अच्छी कमाई का उपयोग करके जमीन में निवेश किया। उन्होंने अपने जीवन का रास्ता चुन लिया था। वे चुनाव जीतेंगे, मनसा के मसीहा की भूमिका निभायेंगे।

अगर कोई एक व्यक्ति है जिससे वह डरते थे, तो वह उनकी माँ थीं। वह 2018 के पंचायत चुनाव में उनके लिए वोट मांगने के लिए घर-घर गए थे और वह जीत गईं। बाद में उन्होंने बताया कि उन लोगों ने कोई पैसे वितरित नहीं किए। उन्होंने बताया कि लोगों ने हमें वोट दिया क्योंकि वे जानते थे कि हम ईमानदार हैं। विजय सिंगला से हारने पर उन्होंने मतदाताओं को देशद्रोही बताते हुए उनके खिलाफ जमकर हंगामा किया। लेकिन वह मूसेवाला थें। हाल ही में जब विजय सिंगला को बर्खास्त किया गया तो उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। यह उनका आखिरी प्रेस कांफ्रेंस निकला। वह अपने प्यारे गाँव से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर जिए और मर गए।

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला ने हाल ही में एक गाना गाया था जिसका अर्थ था कि वह कम उम्र में मर जाएगा। ‘द लास्ट राइड’ शीर्षक वाले ट्रैक में, जिसे खुद मूसेवाला ने लिखा था, उन्होंने लिखा था कि कम उम्र में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।