पंजाब में रविवार को लोकप्रिय गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सिद्धू मूसेवाला की हत्या पर राजनीति भी तेज होने लगी है। बीजेपी और कांग्रेस, आम आदमी पार्टी की सरकार पर निशाना साध रही हैं। वहीं सिद्धू मूसेवाला के पिता ने मामले की सीबीआई और एनआईए से जांच की मांग की है। पंजाब सरकार, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मामले की जाँच सिटिंग जज से करवाने की मांग करेगी।

माफ़ी मांगे पंजाब डीजीपी: सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने पंजाब के सीएम भगवंत मान को पत्र लिखकर बेटे की मौत की सीबीआई और एनआईए जांच की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पत्र में कहा, “मामले की जांच उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश द्वारा की जाए। सुरक्षा वापस लेने के आदेश को सार्वजनिक करने वाले अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। वहीं इस घटना को गैंगवार से जोड़ने के लिए पंजाब के डीजीपी को माफी मांगनी चाहिए।”

वहीं सिद्धू मूसेवाला के पिता के पत्र के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कई कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने जानकारी देते हुए बताया, “पंजाब के सीएम भगवंत मान ने सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा कम करने के फैसले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने डीजीपी के कल के बयान पर भी सफाई मांगी है। राज्य सरकार जांच में पूरा सहयोग करेगी। किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही पंजाब सरकार पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करेगी कि मामले की जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराएं।”

‘आप’ के आते ही आया AK-47: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पंजाब की आप सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “इस सरकार के 2 महीने के भीतर लोगों के हाथ में एके-47, चिंता का विषय है। हमने हिमाचल में खालिस्तान समर्थक नारे और चिन्ह लगाए जाने की घटनाओं के सिलसिले में पंजाब से आरोपियों को पकड़ा है। पंजाब सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए थी लेकिन हमारी पुलिस ने कार्यवाही की।”

जयराम ठाकुर ने आगे कहा, “पंजाब में घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। एक दिन पहले उनकी (सिद्धू मूसेवाला) सुरक्षा वापस ले ली गई थी। एक तंत्र विकसित किया गया है, जो समिति व्यक्तियों के लिए सुरक्षा खतरे की समीक्षा करती है। उसी के आधार पर सुरक्षा दी जाती है। यह राजनीतिक फैसला नहीं होना चाहिए।”

क्यों हटाई गई सुरक्षा?: वहीं बीजेपी नेता सुनील जाखड़ ने भी पंजाब सरकार को घेरा है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “पंजाब में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति की पोल खुल गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जिन लोगों की सुरक्षा वापस ले ली गई है, उनके लिए पंजाब पुलिस को पेशेवर रूप से गैर-राजनीतिक और निष्पक्ष खतरे का आकलन करना चाहिए। सुरक्षा हटाई गई, यह सब राजनीति से प्रेरित है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए और बताएं कि उन 400 लोगों की सूची क्यों और किसने प्रकाशित की, जिनकी सुरक्षा हटाई गई थी? इसकी जांच होनी चाहिए। यह आपराधिक लापरवाही है।”

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, “जब से पंजाब में नई सरकार बनी है, तब से कुछ कबड्डी खिलाड़ियों की हत्या, मोहाली में पंजाब इंटेलिजेंस मुख्यालय पर हमला, जालंधर में पुलिस कर्मियों पर हमला और अब सिद्धू मूसेवाला की हत्या के साथ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की श्रृंखला शुरू हुई है। जाहिर सी बात है कि कोई नई सरकार की रेड लाइन को परखने की कोशिश कर रहा है। मैं सीएम भगवंत मान से पुलिस को विश्वास में लेने और राज्य में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने का अनुरोध करता हूं। यदि किसी सीमावर्ती राज्य की शांति भंग होती है तो इसके विभिन्न परिणाम हो सकते हैं।”