पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा ने बाबा फरीद विश्वविद्यालय और स्वास्थ्य विज्ञान के कुलपति और वरिष्ठ सर्जन डॉ राजबहादुर को एक गंदे बेड पर लिटा दिया। दरअसल स्वास्थ्य मंत्री अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने वाइस चांसलर को बेड पर लेटने के लिए कहा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस घटना की निंदा की है और इसे अपमानजनक करार दिया है। इस दौरान मौके पर अस्पताल के स्टाफ और मरीज मौजूद थे।

इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री 72 वर्षीय राजबहादुर के कंधे पर बायां हाथ रखते हुए उन्हें अस्पताल के त्वचा और वीडी विभाग के अंदर बिस्तर की ओर ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान वाइस चांसलर मंत्री से कहते हैं कि वह इन सब चीजों के लिए जिम्मेदार नहीं है। जिसके बाद मंत्री जवाब देते हुए कहते हैं कि सब कुछ तुम्हारे हाथ में है। वीडियो में वीसी कुछ सेकेंड तक बेड पर लेटे हुए दिखाई दे रहे हैं।

एक प्रतिष्ठित सर्जन होने के अलावा डॉक्टर राज बहादुर को एक शिक्षक, शोधकर्ता और प्रशासक के रूप में 45 से अधिक वर्षों का अनुभव है। सामान्य आर्थोपेडिक सर्जरी, आर्थोपेडिक शिक्षा, स्पाइनल सर्जरी और संयुक्त प्रतिस्थापन में विशेषज्ञता के साथ-साथ वह चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व निदेशक-प्राचार्य और पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में हड्डी रोग विभाग के पूर्व प्रमुख रह चुके हैं।

द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए डॉक्टर राज बहादुर ने कहा, “मैंने अब तक 12-13 अस्पतालों में काम किया है, लेकिन अब तक किसी के भी साथ इस तरह के व्यवहार का सामना नहीं किया है। मुझसे इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए था, यह इस महान पेशे को प्रभावित करता है। यह बहुत दर्दनाक होता है। उन्होंने अपना मिजाज दिखाया, मैंने अपनी विनम्रता दिखाई। दो फर्मों ने अपने कोटेशन भेजे और रेट को लेकर बातचीत आखिरी दौर में थी। यह 1100 बिस्तरों वाला अस्पताल है और सभी गद्दे खराब स्थिति में नहीं हैं। यह गद्दा नहीं होना चाहिए था लेकिन अस्पताल प्रबंधन का अधिकार चिकित्सा अधीक्षक का है।”

वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने इस घटना की निंदा की है। आईएमए की पंजाब शाखा ने एक बयान में कहा कि वह इस अपमानजनक कृत्य से बहुत दुखी हैं और मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने और मंत्री से माफी मांगने के लिए कहेंगे। आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ परमजीत सिंह मान ने एक बयान में कहा कि अगर माफ़ी नहीं मांगी जाती है तो आईएमए चिकित्सा बिरादरी के गौरव और प्रतिष्ठा को बहाल करने के लिए कड़ी कार्रवाई पर विचार करेगा। बता दें कि पंजाब में पहले से ही भगवंत मान सरकार के आम आदमी क्लीनिक के रंग को लेकर विवाद चल रहा है।