केंद्र सरकार ने जून महीने में अग्निपथ योजना की घोषणा की और उसके बाद कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन राज्यों में पंजाब भी शामिल था, जहां पर अग्निपथ योजना के खिलाफ अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया। सेना भर्ती कार्यालय में 10 अगस्त से 10 दिवसीय भर्ती रैली शुरू हुई है। पंजाब के 4 जिले लुधियाना, रूपनगर, मोहाली और मोगा के 15,000 से अधिक उम्मीदवारों ने इस रैली में पंजीकरण करवाया है। बता दें कि पंजाब में अग्निपथ योजना के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव भी पारित हुआ था।

सेना के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हमें लुधियाना एआरओ के तहत आने वाले चार जिलों से कुल 15,930 आवेदन प्राप्त हुए हैं। यह 2020 में 14,633 आवेदनों से अधिक है, जब इन जिलों के लिए खन्ना में अंतिम भर्ती रैली आयोजित की गई थी। हालांकि खन्ना की रैली में जब फिजिकल टेस्ट पूरा हो गया, तो कोविड के कारण लिखित परीक्षा रद्द कर दी गई। इसलिए, उनमें से कई आवेदकों ने फिर से आवेदन किया है।”

हालांकि, एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कोविड के कारण दो साल के अंतराल के बावजूद आवेदकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यह 2020 की तुलना में कम से कम दोगुना होना चाहिए था, क्योंकि दो साल से कोई भर्ती नहीं हुई थी। वहीं एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अग्निपथ योजना के लिए भर्ती में आवेदकों की संख्या में वृद्धि इस वर्ष के लिए ऊपरी आयु सीमा में 21 से 23 वर्ष की छूट के कारण भी हो सकती है।

22 वर्षीय लवप्रीत सिंह ने कहा कि मेरा भारतीय सेना में शामिल होने का सपना है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह सिर्फ चार साल के लिए है। मैं सिर्फ देश की सेवा करने के लिए वर्दी पहनने की भावना का अनुभव करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि वह पिछले तीन साल से सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे हैं।

जगरांव के 20 वर्षीय गुरप्रीत सिंह खन्ना में शारीरिक परीक्षण पास करने वालों में शामिल थे। उन्होंने कहा, “मैं स्नातक की पढ़ाई कर रहा हूं और पिछले तीन वर्षों से सेना की तैयारी कर रहा हूं। मैंने 2020 में खन्ना में फिजिकल टेस्ट क्लियर किया लेकिन लिखित परीक्षा कभी आयोजित नहीं हुई। मैंने अब फिर से आवेदन किया है। मेरे पिता एक राजमिस्त्री हैं और वे प्रतिदिन 600 रुपये कमाते हैं। मैं सिर्फ इसलिए घर पर बैठने का जोखिम नहीं उठा सकता क्योंकि एक नई योजना शुरू की गई है। सरकारी नौकरी सरकारी नौकरी होती है।”

19 साल के नरिंदर पाल सिंह ने कहा कि उनका भाई कनाडा में ट्रक ड्राइवर का काम करता है और उनकी बहन भी विदेश चली गई है। उन्होंने कहा, “हालांकि मेरे पिता दुबई में हैं लेकिन मैं अपने देश की सेवा करना चाहता हूं। मेरा सपना है कि मैं अपने देश की सरहदों पर जाऊं, न कि किसी विदेशी धरती पर। तीन साल से मैं इस दिन की तैयारी कर रहा था।”