दूरसंचार मंत्रालय के अनुसार मोबाइल टावर्स से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (ईएमएफ) रेडियेशन से सेहत पर बुरा असर पड़ने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। मंत्रालय के सचिव जेएस दीपक ने शुक्रवार को जागरुकता कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत में मोबाइल टावर सुरक्षित हैं और दूरसंचार मंत्रालय की ओर से दी गई सीमा के अंदर ही काम करते हैं। उनके अनुसार भारत सरकार ने मोबाइल टावर रेडियेशन पर कड़े नियम लागू कर रखे हैं और अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार ही काम किया जा रहा है। मोबाइल टावर से स्वास्थ्य को नुकसान पर सफार्इ देते हुए दीपक ने कहा कि ईएमएफ रेडियेशन इंटरनेशनल कमीशन ऑन नॉन आयोनाइजिंग रेडियेशन प्रोटेक्शन और वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन की ओर से जारी की गई लिमिट के अंदर ही है। दूरसंचार मंत्रालय की ओर से रेडियो फ्रीक्वेंसी फील्ड के लिए तय की गई सीमा अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के मानक से 10 गुना अधिक कड़ी है। उनके अनुसार मोबाइल कंपनियां इन नियमों का पालन करें इसके लिए भारत सरकार ने पर्याप्त कदम उठाएं हैं।
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दूरसंचार मंत्रालय के डीडीजी-सीएस डॉ. आरएम चतुर्वेदी ने बताया कि मोबाइल टावर रेडियेशन के खतरे की पहचान के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 25 हजार स्टडी के हवाले से बताया कि इससे नुकसान नहीं होता। ये स्टडी पिछले 30 साल में की गई हैं। उन्होंने इसके अनुसार बताया, ”कुछ लोगों का मानना है कि और रिसर्च की जरूरत है लेकिन बावजूद इसके इस क्षेत्र में वैज्ञानिक ज्ञान अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक हैं। वर्तमान सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि कम स्तर की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड के संपर्क में आने से नुकसान नहीं होता।” इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर आईआईटी, एम्स दिल्ली, भारतीय मेडिकल रिसर्च परिषद् और भारतीय टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ के एक्सपर्ट्स की कमिटी ने भी पाया कि मोबाइल टावर की रेडियेशन से खतरे के सबूत नहीं मिले।
मोबाइल टावर लगाने के लिए देश में बनेगी नई नीति
पंजाब और हरियाणा, मद्रास, केरल, गुजरात और इलाहाबाद सहित कई हाईकोर्ट ने मोबाइल टावर से रेडियेशन से जुड़ी अर्जियों पर फैसला देते हुए इन्हें खारिज कर दिया। इन अर्जियों में मोबाइल टावर रेडियेशन से सेहत को नुकसान की बात कही गई थी। ग्रास कैंसर फाउंडेशन के डॉ. सुरेश अटिली और स्वास्थ्य मंत्रालय के सलाहकार डॉ. टीके जोशी ने भी इस तथ्य को माना कि मोबाइल टावर से नुकसान का कोई सबूत नहीं है। कमजोर नेटवर्क के बारे में दीपक ने बताया कि सभी कंपनियां अपने वर्तमान तंत्र को सुधारने में लगी है। अगले छह महीने में सुविधाओं में सुधार देखने को मिलेगा।
दूरसंचार मंत्री ने कहा- मोबाइल टावरों से कैंसर की बात बेबुनियाद, WHO रिसर्च का दिया हवाला

