काले झंडे और तख्तियां लिए हुए, कट्टरपंथी समूहों सहित विभिन्न सिख संगठनों ने पवित्र ग्रंथ के अनादर की पिछले महीने हुई घटनाओं के विरोध में मंगलवार को पंजाब के विभिन्न हिस्सों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और घटनाओं की तय समय सीमा में सीबीआई जांच कराने की मांग की। प्रदर्शनकारी फरीदकोट के बुर्ज जवाहर सिंहवाला से चोरी हुई गुरु ग्रंथ साहिब की ‘बीर’ को बरामद करने, ग्रंथ का अनादर करने वालों तथा प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने वालों को गिरफ्तार करने तथा उनके नाम सार्वजनिक करने की भी मांग कर रहे हैं। पिछले महीने बेहबल कलां गांव में पुलिस की गोलीबारी में दो सिख कार्यकर्ता मारे गए थे और कई घायल हो गए थे।

उन्होंने दो सिख भाईयों रूपिन्दर सिंह और जसविन्दर सिंह के खिलाफ दर्ज मामलों को खत्म करने की भी मांग की। ग्रंथ के अनादर के मामले में गिरफ्तार दोनों भाईयों को पुलिस ने पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने की बात कहते हुए सोमवार शाम रिहा कर दिया।

पुलिस ने बताया कि महिलाओं सहित प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रादेशिक राजमार्गों के किनारे मानव श्रृंखला बनायी। हालांकि उन्होंने कहीं भी यातायात बाधित नहीं किया।

‘सतनाम वाहेगुरु’ का उच्चारण कर रहे इन प्रदर्शनकारियों को प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर दलित और मुसलमान प्रतिनिधियों का समर्थन भी प्राप्त था। पुलिस ने बताया कि भारत-पाकिस्तान के बीच की अंतरराष्ट्रीय बस सेवाएं सदा-ए-सरहद फगवाड़ा से सामान्य तरह से से गुजरीं।

प्रदर्शनकारी पिछले महीने राज्य में विभिन्न स्थानों पर हुई गुरु ग्रंथ साहिब की अनादर की घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि कुछ तख्तियों पर कट्टरपंथी सिख संगठनों द्वारा अमृतसर में 10 नवंबर को आयोजित ‘सरबत खालसा’ का प्रचार किया जा रहा था।

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