पंजाब सरकार ने विधायकों की पेंशन को लेकर बड़ा फैसला लिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को घोषणा की कि पूर्व विधायकों को केवल एक कार्यकाल के लिए पेंशन मिलेगी। सीएम मान की घोषणा मौजूदा प्रथा से अलग है, क्योंकि पंजाब में अभी तक प्रत्येक कार्यकाल के लिए पेंशन मिलती थी। पूर्व विधायकों की मासिक पेंशन अब 75,000 रुपये हो गई है।
मुख्यमंत्री मान ने एक वीडियो संदेश में कहा कि उन्होंने अधिकारियों को ‘एक विधायक-एक पेंशन’ योजना को लागू करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कई बार चुने गए विधायकों को पेंशन के रूप में लाखों रुपये मिल रहे हैं। उनमें से कुछ जो सांसद भी रहे हैं, उन्हें केंद्र और राज्य दोनों तरह की पेंशन मिल रही थी। इस फैसले से राज्य सरकार के करीब 80 करोड़ रुपये बचेंगे।
भगवंत मान ने कहा कि, “लोगों की सेवा के वादे के साथ वोट मांगने वाले विधायकों को 3.5 लाख रुपये, 4.5 लाख रुपये और यहां तक कि 5.25 लाख रुपये मासिक पेंशन मिली। नए फैसले के साथ सरकार की योजना पांच साल में 80 करोड़ रुपये बचाने की है। इस प्रकार से बचाए गए धन का उपयोग कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जाएगा।” सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजिंदर कौर भट्टल, लाल सिंह और पूर्व अकाली दल नेता सरवन सिंह फिल्लौर को 3.25 लाख रुपये जबकि रवि इंदर सिंह और बलविंदर सिंह भिंडर को हर महीने 2.75 लाख रुपये मिलते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने हाल ही में सरकार को पत्र लिखा था कि वह सरकार से किसी भी तरह की पेंशन का दावा नहीं करेंगे और न ही उन्हें कोई पेंशन दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा था कि पैसे का इस्तेमाल लोक कल्याण की योजनाओं के लिए किया जाना चाहिए।
हरियाणा सरकार ने कुछ साल पहले पूर्व विधायकों के लिए अनेक पेंशन खत्म कर दी थी। पंजाब में अमरिंदर सिंह की सरकार ने उस वक्त पड़ोसी राज्य से संकेत लेते हुए पेंशन नीति को बदलने पर चर्चा की थी। हालांकि कभी कोई निर्णय नहीं लिया गया। भगवंत मान ने अपने शुरुवाती फैसलों में से एक पेंशन नीति में बदलाव किया है।