पंजाब के गुरदासपुर से पहली बार लोकसभा सांसद चुने गए सनी देओल विवादों में हैं। देओल ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर स्क्रीनप्ले राइटर गुरप्रीत सिंह पलहेरी को चुना है। कहा जा रहा है कि उनका प्रतिनिधि ही सरकारी गाड़ी और तमाम सुविधाएं ले रहा है। एक तरफ सनी देओल संसद में नजर नहीं आ रहे हैं तो दूसरी तरफ अपना प्रतिनिधि चुनने पर उनकी खूब आलोचना हो रही है।
विवाद बढ़ता देख बीजेपी सांसद ने एक बयान जारी कर इस पर सफाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसा कुछ भी नहीं है और इतना बड़ा विवाद खड़ा कर दिया गया है। मैंने अपना पीए (पर्सनल असिस्टेंट) गुरदासपुस के मेरे ऑफिस में मेरा प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि जब भी मैं संसद में हूं या ट्रैवल कर रहा हूं। वे मुझे हर अपडेट देंगे। इस नियुक्ति का मकसद मेरी गैरमौजूदगी में किसी भी काम में रुकावट न आने के लिए है। मुझे जनता ने वोट देकर चुना है और मैं गुरदासपुर की जनता की सेवा करना चाहता हूं।’
उन्होंने प्रतिनिधि की नियुक्ति की जानकारी एक पत्र जारी कर दी थी। पत्र में लिखा गया, ‘मैं, गुरप्रीत सिंह पलहेरी, पुत्र सुपिंदर सिंह, निवासी पलहेरी गांव, जिला मोहाली, पंजाब को अपना प्रतिनिधि नियुक्त करता हूं। वह संबंधित अधिकारियों के साथ मेरे संसदीय क्षेत्र गुरदासपुर निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित बैठकों और अन्य कार्यक्रमों में शिकरत करेंगे।’
सूत्रों के मुताबिक पार्टी के भीतरखाने उनके इस कदम की आलोचना हुई। एक सीनियर नेता ने कहा कि ‘यह गलत है क्योंकि देओल जनता के लिए जिम्मेदार हैं जिन्होंने उन्हें वोट दिया है। हालांकि आम आदमी पार्टी (आप) भगवंत मान ने कहा कि ज्यादातर सांसद ऐसा ही करते हैं हालांकि संसद में प्रतिनिधि तो सनी देओल ही रहेंगे। मालूम हो कि गुरदासपुर बीजेपी की परंपरागत सीट रही है। इससे पहले इस सीट से दिवंगत एक्टर विनोद खन्ना और अन्य किसी सांसद ने अपना प्रतिनिधि नियुक्त नहीं किया था।
