पंजाब में अमृतसर के बाहरी इलाके में रविवार (18 नवंबर) को एक धार्मिक समागम में हुए ग्रेनेड हमले में तीन लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गये। अमृतसर के राजा सांसी के समीप अदलिवाला गांव में निरंकारी भवन में निरंकारी पंथ के धार्मिक समागम के दौरान यह विस्फोट हुआ। यह स्थान अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के समीप है। इस ब्लास्ट के बाद आम आदमी पार्टी के विधायक एच एस फुल्का ने चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने इस ब्लास्ट के पीछे सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत का हाथ होने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा, “कुछ समय पहले सेना प्रमुख ने कहा था कि राज्य में आतंकी हमले का खतरा है। हो सकता है उन्होंने अपनी बात को सही साबित करने के लिए अमृतसर में ब्लास्ट करवाया हो। इस समय देश का माहौल खराब करने की भी कोशिश की जा सकती है क्योंकि कुछ समय बाद ही चुनाव होने वाले हैं।” हालांकि, मामला तूल पकड़ने के बाद उन्होंने कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मैं आर्मी चीफ का सम्मान करता हूं।

आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने फुल्का के इस बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा, “यह एक शर्मनाक बयान है। यह देश की सेना को कमजोर करने वाला बयान है। आतंकियों को बचाने वाला बयान है। खालिस्तान और आईएसआई को बचाने वाला बयान है। यह बयान लोगों का भरोसा देश की सेना और सिस्टम पर से उठाने की कोशिश है। कोई तो है आम आदमी पार्टी में जो खालिस्तान और आईएसआई के लोगों से मिला हुआ लगता है। अगर पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल इस बयान से सहमत नहीं हैं तो फुल्का के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। उन्हें तुरंत पार्टी से बाहर निकाला जाना चाहिए। अगर यह कार्रवाई केजरीवाल नहीं करते हैं तो यह समझा और माना जाएगा कि इस बयान के पीछे अरविंद केजरीवाल की ‘हां’ है। अरविंद केजरीवाल शामिल हैं और उनका प्रश्रय है। फुल्का के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा होना चाहिए। यदि कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराएगा तो हम खुद मुकदमा दर्ज करवाएंगे। सेना के खिलाफ ऐसी किसी साजिश को ये देश बर्दास्त नहीं करेगा।”

दरअसल, सेना प्रमुख बिपिन रावत ने हाल में चेतावनी दी थी कि पंजाब में “उग्रवाद को पुनर्जीवित करने” के प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने चेताया था कि राष्ट्र विरोधी ताकतों को अपने नापाक मंसूबों में सफल होने से रोकने के लिए लोगों को त्योहारों के दौरान सतर्क रहने की जरूरत है। वहीं, इस बीच पंजाब पुलिस के महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने कहा, ‘‘इस घटना में आतंक का एक पहलू दिख रहा है क्योंकि यह एक समूह (लोगों के) के खिलाफ है, न कि किसी एक व्यक्ति के। लोगों के समूह पर ग्रेनेड फेंकने का कोई कारण नहीं है, इसलिए हम इसे एक आतंकी हरकत के तौर लेंगे। साबित होने तक हम प्रथम दृष्टया इसे इसी रूप में लेंगे।’’ एक खुफिया सूचना में दावा किया गया है कि जैश-ए-मोहम्मद के छह से सात आतंकवादियों का एक समूह राज्य में, खासतौर से फिरोजपुर में मौजूद है। इस सूचना के बाद से पंजाब अलर्ट पर है।
चार लोगों ने पिछले सप्ताह पठानकोट जिले में माधोपुर के समीप बंदूक दिखाकर एक ड्राइवर से एसयूवी छीन ली थी जिसके बाद से राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इस घटना में आईएसआई- सर्मिथत खालिस्तानी/कश्मीरी आतंकवादी समूहों की संलिप्तता की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। सिंह ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि वह ‘‘आतंकी शक्तियों’’ को राज्य में कड़ी मेहनत से हासिल की गई शांति को भंग नहीं करने देंगे। मुख्यमंत्री ने लोगों से ‘‘दहशत में नहीं आने और शांत रहने’’ की अपील की। उन्होंने ट्वीट किया,‘‘हम आतंकी शक्तियों को कड़ी मेहनत से हासिल की गई शांति को भंग नहीं करने देंगे। मैं अमृतसर बम विस्फोट के मद्देनजर पंजाब के लोगों से शांति बनाये रखने की अपील करता हूं। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप घबराये नहीं और संयम बनाये रखे। (एजेंसी इनपुट के साथ)