पंजाब में स्वतंत्रता दिवस से पहले शरारती तत्वों ने सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताते हुए मोगा जिले में प्रशासनिक कार्यालय इमारत पर खालिस्तान लिखा झंडा फहरा दिया। इसके बाद आरोपी वहां से भागने में कामयाब रहे।

घटना की जानकारी मिलने पर आनन-फानन में झंडा उतारा गया। इसके बाद तिरंगा झंडा लगाया गया। घटना के बारे में पंजाब पुलिस ने कहा कि दो युवक सुबह करीब 8.15 बजे तिरंगा लेकर परिसर में दाखिल हुए थे। यह खंडा प्रतीक वाला साधारण झंडा था लेकिन बाद में उन लोगों ने उस पर खालिस्तान लिख दिया। इस संबंध में आईजी कौस्तुभ शर्मा का कहना है कि हम सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

घटना के बारे में मोगा के डीसी संदीप हंस ने कहा कि यह एक ऐसा कार्य है जो न केवल घृणित और कायरतापूर्ण है, बल्कि राष्ट्र विरोधी भी है। उन्होंने कहा कि उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हंस ने कहा कि उन लोगों ने ऐसा समय वारदात को अंजाम देने के लिए ऐसा समय चुना जब कर्मचारी ड्यूटी के लिए आते हैं। ताकि कोई उन पर शक नहीं कर पाए।

हंस ने कहा कि हम ऐसे कदम उठाकर सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह की घटना को दोहराया ना जा सके। मामले में मोगा पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि ऐसा लगता है कि यह सब पैसे के लिए किया गया है। भागते समय आरोपी अपने साथ झंडा लेकर गए। हम उसे प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।

इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए लुधियाना के कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने इस घटना की आलोचना की है। यह घटना अमेरिका में खालिस्तान समर्थक प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस की उस घोषणा के बाद हुई है जिसमें संगठन ने कहा था कि वह स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को 93 लाख रुपये का इनाम देगी।

एसएफजे लीडर ने जारी किया वीडियोः एसएफजे के नेता गुरपवंत सिंह पन्नू ने मोगा घटना का एक वीडियो जारी किया है। वीडियो में दो व्यक्ति तिरंगा फाड़ते हुए दिख रहे हैं। इसके बाद वे बाहर निकल जाते हैं। वीडियो के अंत में पन्नू ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किसी भी पंचायत घर में खालिस्तानी झंडा फहराने पर 1.8 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है।