Written by Manraj Grewal Sharma
Amritpal: पंजाब की सियासत में पिछले दिनों में काफी उथल-पुथल दिखाई दी है। एक तरफ अपने साथी लवप्रीत सिंह तूफान को रिहा कराने के लिए खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने अमृतसर की अजनाला जेल का घेराव किया तो दूसरी तरफ विधानसभा का बजट सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के बीच आमना-सामना हुआ।
पंजाब लंबे समय से उग्रवाद की यादों को मिटाने की कोशिश कर रहा है। जहां पंजाब ने हरियाणा के साथ पानी विवाद पर नरम रुख इख्तियार किया है, ताकि प्रदेश एक चैन की सांस ले सके और आगे बढ़े, वहीं ऐसा होता नहीं दिखाई दे रहा है। पंजाब के लिए नयी चुनौती 30 साल का नौजवान अमृतपाल सिंह बन कर आया है। वह जहां खुलेआम खालिस्तान का समर्थन कर रहा है वहीं युवाओं को तबाह कर रहे ड्रग्स के खतरे को जड़ से खत्म करने में राज्य की असफलता पर भी जोर दे रहा है।
क्यों चर्चा में आया अमृतपाल सिंह, कैसे पार पाएगी सरकार?
छह महीने पहले दुबई से लौटा अमृतपाल सिंह उस वक्त चर्चा में आया था जब एक बड़ी भीड़ द्वारा अजनाला पुलिस थाने पर कब्जा करने का प्रयास किया गया। प्रशासन को धमकाया गया। इस भीड़ की अगुवाई अमृतपाल सिंह ही कर रहा था। इस एक मामले ने इस ओर इशारा कर दिया कि आप सरकार पंजाब जैसे संवेदनशील राज्य पर शासन करने के लिए बहुत अनुभवहीन है। हालांकि सीएम भगवंत मान ने अजनाला की घटना को बहुत ज्यादा तूल ना दिए जाने की बात कही है। हालांकि पंजाब सरकार के अधिकारियों को पता होना चाहिए कि पंजाब को एक ऐसे प्रशासन की आवश्यकता है जो मजबूत और संवेदनशील दोनों हो।
क्यों सिख समुदाय का एक धड़ा अमृतपाल सिंह से खफा है?
पिछले कुछ दिनों में अमृतपाल सिंह काफी सुर्खियों में रहा है। सिख समुदाय का एक धड़ा अमृतपाल सिंह से खफा है। इसकी वजह अमृतपाल सिंह के अजनाला पुलिस थाने पर धावा बोलने के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब को अपने साथ ले जाना था। अमृतपाल के इस काम ने सिख समुदाय के एक बड़े वर्ग को नाराज कर दिया है, जो कहता है कि यह बेअदबी है। हालांकि राज्य में एक संख्या ऐसी भी है जो अमृतपाल सिंह का बड़े पैमाने पर समर्थन करती है।
पंजाब के आम लोग क्या कहते हैं?
अमृतपाल सिंह के अचानक बढ़ने से उसके सपोर्ट सिस्टम को लेकर भी कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। सड़क पर लोग कहते सुने जा सकते हैं कि यह एजेंसी दा बंदा है। कुछ लोग कहते हैं कि यह राज्य में राष्ट्रपति शासन लाने की एक कोशिश हो सकती है। कुछ लोग अमृतपाल सिंह को लेकर कहते हैं वह कई सालों से सोशल मीडिया पर सक्रिय रहा है। और सोशल मीडिया ने उसे बढ़ावा देने में अहम योगदान निभाया है।
पंजाब के इस घटनाक्रम के बाद एक दहशत को साफ तौर पर महसूस किया जा सकता है। अमृतसर के एक व्यापारी ने इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि “महौल खराब करण दी कोशिश है जी”, इस तरह की कई अलग-अलग राय इस दौरान यहां महसूस की जा सकती है।