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Amritpal Singh: बंद कमरे में अकाल तख्त जत्थेदार से मिला अमृतपाल, डेढ़ घंटे तक चली मीटिंग

अमृतपाल सिंह ने अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से मुलाकात को लेकर कहा कि मेरी मुलाकात को सनसनीखेज नहीं बनाया जाना चाहिए।

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अमृतपाल सिंह । (express file photo by Rana Simranjit Singh)

अजनाला संघर्ष से चर्चा में आये वारिस पंजाब डे के प्रमुख अमृतपाल सिंह (Waris Punjab De head Amritpal Singh) ने शुक्रवार को अमृतसर में अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Akal Takht Jathedar Giani Harpreet Singh) से मुलाकात की। करीब डेढ़ घंटे तक दोनों की बंद कमरे में मुलाकात हुई।

अकाल तख्त सचिवालय में बैठक के बाद अमृतपाल ने कहा, “अकाल तख्त जत्थेदार के साथ मेरी मुलाकात को सनसनीखेज नहीं बनाया जाना चाहिए। यह बैठक पंथिक मुद्दों और सिख युवाओं के बारे में थी। पंजाब के करेंट अफेयर्स पर इस तरह की बैठकें नियमित रूप से होनी चाहिए।”

अमृतपाल ने कहा, “बैठक बहुत अच्छे माहौल में आयोजित की गई थी। यह एक अनौपचारिक मुलाकात थी। किसी रणनीति पर चर्चा नहीं हुई। मैं पहले भी कई बार अकाल तख्त आया था लेकिन तब हमारी मुलाकात नहीं हो पाई थी। आज वह उपलब्ध थे। अमृतपाल ने यह भी कहा कि चर्चा जत्थेदार द्वारा बनाई गई समिति के बारे में नहीं थी कि गुरु ग्रंथ साहिब के बीर का विरोध प्रदर्शनों में किया जाना चाहिए या नहीं।”

ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अमृतपाल के साथ अपनी बैठक पर कोई बयान जारी नहीं किया है। शिरोमणि अकाली दल (बादल) के दिल्ली अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना द्वारा कार्यवाहक जत्थेदार पर खुले तौर पर निशाना साधने के कुछ दिनों बाद यह बैठक हुई। शिरोमणि अकाली दल (बादल) एसजीपीसी को नियंत्रित करता है, जो अकाल तख्त जत्थेदार की नियुक्ति करने वाला प्राधिकरण है।

अजनाला संघर्ष के दिन शिरोमणि अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बीर को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए अमृतपाल पर निशाना साधा था। उसके बाद कार्यवाहक जत्थेदार ने एक फेसबुक पोस्ट लिखा, जिसे कट्टरपंथी नेता पर नरम माना गया था।

अमृतपाल का नाम लिए बिना जत्थेदार ने लिखा, “यदि कोई उत्पीड़न या मानवाधिकारों या सिख अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ संघर्ष का नेतृत्व करता है, तो उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दिया जाना चाहिए। यहां गुरु ग्रंथ साहिब का आशीर्वाद भी जरूरी है। जब तक गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मान पर किसी तरह का खटास है, हमें इस पर विचार करना चाहिए और इतिहास से प्रेरणा लेनी चाहिए।”

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First published on: 04-03-2023 at 08:43 IST
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