पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद किसी न किसी मुद्दे पर टकराव की स्थिति बनती रही है। अब भगवंत मान की सरकार लॉ अफसरों की नियुक्ति में आरक्षण के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंच गई है। वहीं, इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी ने मान सरकार पर तंज किया है।

केंद्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने सीएम भगवंत मान और पंजाब सरकार के हाई कोर्ट जाने की खबर को ट्वीट किया। विजय सांपला ने सीएम मान की उस फोटो को ट्वीट किया, जिसमें उनके पीछे डॉ. अंबेडकर की फोटो लगी है।

इसके साथ ही उन्होंने सीएम भगवंत मान पर निशाना साधते हुए कहा, “सिर्फ डॉक्टर अंबेडकर की फोटो लगाने से उनका सम्मान नहीं हो सकता, इसके लिए इच्छाशक्ति की भी जरूरत है। केंद्रीय अनुसूचित जाति आयोग द्वारा पंजाब में कानूनी अफसरों के संवैधानिक आरक्षण के हक में दिए गए फैसले के विरुद्ध पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में जा कर अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय दिया है।”

केंद्रीय एससी आयोग ने पंजाब सरकार को आदेश दिए थे कि एडवोकेट जनरल ऑफिस में कानूनी अफसरों की नियुक्ति में आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए। इस पर एडवोकेट जनरल अनमोल रतन सिद्धू ने तर्क देते हुए कहा था कि इसमें कानूनी अफसर की एफिशिएंसी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा था कि कानूनी अफसरों की नियुक्ति में आरक्षण की कोई कानूनी अनिवार्यता नहीं है। वहीं, अब ये मामला ये हाई कोर्ट के दरवाजे पर जा पहुंचा है, जिसको लेकर भाजपा ने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को घेरा है।

दूसरी तरफ, चंडीगढ़ और SYL नहर के बाद अब विधानसभा को लेकर पंजाब और हरियाणा सरकार के बीच घमासान शुरू हो गया है। पंजाब सरकार में मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि हरियाणा सरकार की चंडीगढ़ में विधानसभा की बिल्डिंग नहीं बनने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार चाहे तो पंचकूला, फरीदाबाद या कुरुक्षेत्र में विधानसभा भवन बना ले। उन्होंने एक बार फिर कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब का ही रहेगा।