Punjab Government: पंजाब की आप सरकार (AAP Government) किराए पर हेलीकॉप्टर (Fixed-Wing Aircraft) के लिए फिर से टेंडर निकालने के तैयारी कर रही है। इससे दो महीने पहले जब एक साल के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लेने के लिए टेंडर निकाला गया था, तो सिर्फ दो सहयोगी कंपनियों ने ही रुचि दिखाई थी।
दो सहयोगी कंपनियों ले लगाई बोली
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, हमने टेंडर जारी किया था, तो अलग-अलग लिफाफों में दो बोलियां प्राप्त हुईं। जब हमने कंपनियों के निदेशकों के बारे में पता किया तो पता चला कि ये दोनों सहयोगी कंपनियां हैं। इसलिए, इन बोलियों के साथ आगे नहीं बढ़ा जा सकता। हमें आगे बढ़ने के लिए कम से कम एक और बोली लगाने वाले की जरूरत है।”
इससे पहले, सरकार ने इस बात पर विचार किया था कि क्या फिक्स्ड-विंग विमान किराए पर लेना वित्तीय रूप से ठीक है। नागरिक उड्डयन विभाग ने वित्त विभाग से अध्ययन करने के लिए कहा था कि क्या उन्हें विमान किराए पर लेने के लिए आगे बढ़ना चाहिए।
नागरिक उड्डयन विभाग का सालाना बजट 8 करोड़ रुपये है। अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में राज्य पवन हंस से हेलीकॉप्टर किराए पर लेता था और खर्च सालाना 15 करोड़ रुपये को पार कर जाता था। सरकार ने तब एक हेलीकॉप्टर खरीदा और खर्च बजट के भीतर ही है। हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल अब मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यपाल करते हैं।
फिक्स-विंग विमान किराए पर लेना बना राजनीतिक मुद्दा
फिक्स-विंग विमान किराए पर लेना पंजाब में एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है क्योंकि राज्य धन की कमी का सामना कर रहा है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने वादा किया था कि वह देश की वित्तीय स्थिति को देखते हुए यात्रा करने के लिए हेलिकॉप्टर का उपयोग नहीं करेगी।
बता दें कि शिरोमणि अकाली दल-भाजपा शासन के दौरान पंजाब सरकार विमानों और हेलिकॉप्टरों के इस्तेमाल को लेकर भारी विवादों में आ गई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले आप ने एक नैरेटिव गढ़ा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सड़क मार्ग से यात्रा करते हैं। उसके बाद, कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने अपने चुनाव पूर्व घोषणापत्र में वादा किया कि वह हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
हालांकि, अमरिंदर सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान हेलीकॉप्टर का बहुत कम इस्तेमाल किया क्योंकि वह ज्यादा यात्रा नहीं करते थे। बाद में, उनके उत्तराधिकारी चरणजीत सिंह चन्नी ने हेलिकॉप्टर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया। आप द्वारा हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में पार्टी की गतिविधियों का जायजा लेने के लिए राज्य के हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल ने भी विवाद खड़ा कर दिया है।