देश में पिछले 5 दिन के दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में पंजाब की कांग्रेस सरकार ने पेट्रोल के दाम में भारी कटौती करते हुए 5 रुपए प्रति लीटर की कमी की है। वहीं, डीजल के रेट भी एक रुपए प्रति लीटर घटाए गए हैं। घटी हुई दरें सोमवार रात 12 बजे से लागू हो जाएंगी।

बजट में की गई घोषणा : बता दें कि पंजाब विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है। इस दौरान प्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करने की घोषणा की। विधानसभा में बजट पेश करते हुए पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने बताया कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों की घटी हुई दरें रात 12 बजे से लागू हो जाएंगी। इसके लिए राज्य सरकार ने वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) में कटौती की है। इसके तहत पेट्रोल के दाम में 5 रुपए कम होंगे। वहीं, डीजल में सिर्फ एक रुपए प्रति लीटर की कटौती की गई है।

इन क्षेत्रों के लिए बजट बढ़ाया : वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए कुल 1.58 करोड़ रुपए के खर्च का बजट पेश किया गया है। हालांकि, इसमें किसी भी तरह के नए टैक्स का ऐलान नहीं किया गया। पंजाब सरकार ने बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण और शहरी ढांचागत सुविधाओं पर काफी जोर दिया है। इन क्षेत्रों के लिए 9 से 35 प्रतिशत तक बजट बढ़ाया गया है। राज्य सरकार का अनुमान है कि बजट में राजस्व घाटा और राजकोषीय घाटा क्रमश: 11,687 करोड़ रुपए और 19,658 करोड़ रुपए हो सकता है।

5 दिन से बढ़ रहे थे तेल के दाम : इंटरनेशनल मार्केट में कच्‍चे तेल के भाव बढ़ने से पिछले 5 दिन से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हो रहा है। 5 दिन के दौरान दिल्ली में पेट्रोल 58 पैसे प्रति लीटर महंगा हो चुका है। वहीं, डीजल के दाम में 49 पैसे का इजाफा हुआ है। सोमवार को ही दिल्ली, कोलकाता और मुंबई पेट्रोल 15 पैसे महंगा हुआ, जबकि चेन्नई में 16 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसके अलावा दिल्ली और कोलकाता में पेट्रोल 13 पैसे तो मुंबई और चेन्नई में 14 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया।

कांग्रेस शासित बाकी राज्यों में भी घटेंगे दाम? : माना जा रहा है कि पंजाब सरकार ने यह कदम आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए उठाया है। ऐसे में अटकलें लगने लगी है कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की कांग्रेस शासित सरकारें भी पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती कर सकती हैं। हालांकि, इसकी वजह से राज्य सरकारों को भारी राजस्व घाटे का सामना करना पड़ सकता है।