केंद्र सरकार की ओर संसद में पास कराए गए कृषि विधेयकों पर कई किसान संगठन और राजनीतिक दल सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब में तो आज एक दिन का बंद भी बुलाया गया है, जिसे राज्य सरकार का समर्थन है। इस बीच केंद्र में एनडीए का हिस्सा- शिरोमणी अकाली दल भी कृषि विधेयक पर गठबंधन के खिलाफ खड़ा हो गया है। पंजाब में इस किसानों के हक को लेकर छिड़े विवाद के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार APMC एक्ट में ही बदलाव करने पर विचार कर रही है। जानकारी के मुताबिक, सरकार पूरे राज्य को ही प्रमुख मंडी प्रांगण (प्रिंसिपल मंडी यार्ड) घोषित कर देना चाहती है।

सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार पर किसानों के प्रदर्शनों के चलते भारी दबाव बना है और यह कदम उठाकर वह केंद्र की तरफ से पास कराए गए- किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 पर गतिरोध पैदा करना चाहती है। राज्य अगर मंडी प्रांगण घोषिथ होता है, तो इसकी सीमाओं के बाहर फसल बेचने को गैरकानूनी माना जाएगा, साथ ही किसानों को MSP से कम दाम नहीं मिलेंगे और राज्य को मंडी फीस मिलना जारी रहेगा।

सूत्रों के मुताबिक, पंजाब सरकार में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कृषि विधेयकों पर कानूनी सलाह मशविरा किया था, जिसके बाद उन्हें एडवोकेट जनरल अतुल नंदा की तरफ से जानकारी दी गई थी। सरकार अभी अंतिम निर्णय पर इस पर विचार कर रही है। जब नंदा से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। हालांकि, राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि सरकार ऐसे कदम पर विचार कर रही है, लेकिन शक है कि सुप्रीम कोर्ट इसे रद्द कर सकती है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पहले ही कह चुके हैं कि वे केंद्र सरकार के विधेयकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।