सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल करतारपुर कॉरिडोर का काम अधर में लटकता दिखाई दे रहा है। इसके लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। अमरिंदर सिंह ने मीडिया से कहा, ”भारत सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए भी धनराशि मंजूरी नहीं की है, इसलिए नवंबर से पहले काम कैसे खत्म होगा?” बता दें कि पिछले वर्ष नवंबर में पाकिस्तान की तरफ करतारपुर गलियारे की बुनियाद रखी गई थी। इसी के साथ पाकिस्तान ने बगैर वीजा के भारत के सिखों को नरोवाल जिला स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की तीर्थयात्रा के लिए करतारपुर सीमा खोल दिया था। सिखों को अब करतारपुर जाने के लिए परमिट लेने की जरूरत होगी। करतारपुर के गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के पंजाब स्थित डेरा बाबा नानक से जोड़ा जाना है। करतारपुर में सिखों के पहले गुरु नानकदेव जी ने अपना आखिरी वक्त गुजारा था। गुरु नानकदेव जी ने यहां 1522 में गुरुद्वारा स्थापित किया था।
पिछले वर्ष दिसंबर में भारत ने पाकिस्तान को प्रस्ताव दिया था कि वह करतारपुर भारत को दे दे और उसके बदले दूसरी जमीन ले ले। पाकिस्तान ने भारत के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने कहा था कि जमीन की अदला-बदली का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। इससे पहले सीएम अमरिंदर यह करतापुर मामले को पाकिस्तान की सेना द्वारा रची गई बड़ी साजिश भी करार दे चुके हैं।
Punjab CM Capt Amarinder Singh on Kartarpur Corridor: Government of India has not sanctioned funds to even acquire land there. How will we finish the work before November? pic.twitter.com/rHSPkQAR4V
— ANI (@ANI) January 7, 2019
अमरिंदर सिंह ने कहा था कि पड़ोसी दुश्मन पंजाब में आतंकवाद को फिर से जिंदा करने का प्रयास कर रहा है लेकिन वह अपने मंसूबे में सफल नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा था कि करतारपुर गलियारे को खोलना साफ तौर पर आईएसआई (पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) का एक गेम प्लान है। ऐसा लगता है कि पाक सेना ने भारत के खिलाफ एक बड़ी साजिश रची है। पाकिस्तान, पंजाब में आतंकवाद को फिर से जिंदा करने का प्रयास कर रहा है और सभी को उसके इस हथकंडे से सावधान रहना चाहिए, इससे फर्क नहीं पड़ता कि वे कितने बड़े दिख रहे हैं। पाकिस्तान ने करतारपुर को लेकर भारतीय मीडिया पर आरोप लगाया था। पाकिस्तान का कहना था कि भारतीय मीडिया करतारपुर कॉरिडोर को राजनीतिक रंग दे रही है।