Pune Porsche Case: पुणे के पॉर्श कार एक्सीडेंट मामले में ससून अस्पताल से फोरेंसिक विभाग के HOD और अस्पताल के एक अन्य डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने इन दोनों को ब्लड सैंपल के साथ छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस हेरफेर का खुलासा ब्लड सैंपल रिपोर्ट से हुआ, जब पहली रिपोर्ट में नाबालिग आरोपी के ब्लड में ऐल्कोहॉल की पुष्टि नहीं हुई तो शक गहराया और दूसरी रिपोर्ट मंगाई गई, जिसमें ऐल्कोहॉल होने की पुष्टि हुई। अब पुलिस ने खुलासा किया है कि इन दोनों ने मिलकर किसी और का ब्लड सैंपल नाबालिग के नाम पर आगे कर दिया था।

पुणे पुलिस की प्रेस कांफ्रेस में खुलासा

पुणे पुलिस ने इस मामले पर एक प्रेस कांफ्रेस कर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस ने बताया ससुन अस्पताल में सैंपल लेने वाले डॉ हैलनोर ने ब्लड सैंपल में हेरफेर की थी, उन्हें कल रात गिरफ्तार किया गया था। डॉ हैलनोर ने पूछताछ के दौरान कहा है कि ऐसा HOD अजय तवारे के कहने पर किया गया था और इसके लिए 3 लाख रुपए भी दिए गए थे।

पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, ‘इस मामले में धारा 120 (बी), 467 जालसाजी और 201, 213, 214 सबूत नष्ट करने की धाराएं जोड़ी गई हैं।”

अमितेश कुमार ने आगे कहा, “हमें कल फोरेंसिक रिपोर्ट मिली और यह पता चला है कि ससून अस्पताल में जमा किए गए नमूने, जिसे वहां के डॉक्टर ने फोरेंसिक में भेजने से पहले सील करके नाबालिग आरोपी का नाम लिखा था, वह उसका का सैंपल नहीं था। इसके बाद हमने उन डॉक्टरों को हिरासत में लिया, जिन्होंने इस रिपोर्ट को सील करके फोरेंसिक के पास भेजा था।”

कमिश्नर ने आगे बताया, “शुरुआती जांच में पता चला कि उन्होंने नाबालिग आरोपी का सैंपल लिया था लेकिन उसे कूड़ेदान में फेंक दिया था और उसकी जगह किसी दूसरे व्यक्ति का सैंपल लेकर फोरेंसिक को भेज दिया था।” पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हेरफेर करने वाले दोनों आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा और रिमांड मांगी जाएगी।