महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी को लेकर जारी विवाद के बीच पुणे नगर निकाय ने सभी आवासीय और व्यावसायिक भवनों पर मराठी में नाम लिखना अनिवार्य कर दिया है। नगर निगम ने इसके पीछे केंद्र सरकार द्वारा मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने का हवाला दिया।
नगर आयुक्त नवल किशोर राम ने कहा, “महाराष्ट्र क्षेत्र नगर नियोजन अधिनियम 1966 के तहत पुणे नगर निगम अपने अधिकार क्षेत्र में भवनों के निर्माण की अनुमति देता है। इसके बाद, प्रस्तावित स्थल पर भवन का वास्तविक विकास कार्य होता है। पुणे नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में विभिन्न आवासीय और गैर-आवासीय भवनों के स्वीकृत निर्माण कार्यों पर मराठी भाषा में स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाले स्थानों पर मोटे अक्षरों में उनका नाम प्रदर्शित होना चाहिए। अब से इसे अनिवार्य कर दिया गया है।”
पुणे: इमारतों पर मराठी भाषा में बोर्ड लगाने का आदेश
राज्य मनसे नेता और पूर्व पार्षद राजेंद्र वागस्कर ने कहा, “हम मनसे और पार्टी प्रमुख राज ठाकरे की ओर से नगर निगम आयुक्त द्वारा नगर निगम क्षेत्राधिकार में आने वाली इमारतों पर मराठी भाषा में बोर्ड लगाने के आदेश का स्वागत करते हैं। उन्होंने मराठी भाषा के प्रति सम्मान दिखाया है और हमें इस बात की खुशी है।” वागस्कर ने कहा कि मनसे राज्य भर में मराठी भाषा के प्रयोग को अनिवार्य बनाकर इसके संरक्षण के लिए दबाव बनाना जारी रखेगी।
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महाराष्ट्र में मराठी-हिंदी भाषा पर विवाद
महाराष्ट्र में पिछले कुछ समय से मराठी-हिंदी भाषा के मुद्दे पर राजनीति गरमाई हुई है। पिछले महीने की शुरुआत में,राज्य सरकार द्वारा हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले की घोषणा के बाद, इसका जमकर विरोध हुआ था। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने घोषणा की थी कि वे इस फैसले के खिलाफ एक संयुक्त मार्च निकालेंगे लेकिन उससे पहले ही राज्य सरकार ने हिंदी को अनिवार्य करने का फैसला वापस ले लिया था। हालांकि, उसके बाद भी आए दिन तमाम नेताओं के भाषा विवाद को लेकर बयान आते रहते हैं।
राज्य में ऐसी हिंसक घटनाएं भी हुई हैं जिनमें कई जगहों पर लोगों को मराठी में बात न करने पर मनसे कार्यकर्ताओं के गुस्से का सामना करना पड़ा है। वहीं, दूसरी ओर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे राज्य सरकार के हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले को वापस लेने के बाद विजय रैली के मौके पर 20 साल बाद दोनों चचेरे भाई एक मंच पर आए थे। पढ़ें- निशिकांत दुबे को मराठी बनाम गैर-मराठी मुद्दे में नहीं पड़ना चाहिए- फडणवीस