पुणे में एक 26 साल की लड़की की मौत का मामला तूल पकड़ लिया है। मृतिका की मां का दावा है कि ऑफिस में जरूर से ज्यादा काम मिलता था, वर्क प्रेशर इतना ज्यादा था कि उस लड़की की जान चली गई। अब भारत सरकार ने भी इस मामले का संज्ञान ले लिया है। श्रम मंत्रालय की तरफ से जोर देकर कहा गया है कि इस मामले में जांच की जाएगी।

पुणे की बेटी को मिलेगा न्याय?

श्रम मंत्रालय की राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि ऐना की इस प्रकार की मौत से बहुत ज्यादा दुखी हूं। इस मामले में एक विस्तृत जांच की जा रही है। हम न्याय देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। श्रम मंत्रालय ने औपचारिक रूप से इस शिकायत को अपनी संज्ञान में ले लिया है।

कंपनी ने कराया इतना काम कि चली गई जान

पीड़िता की मां ने क्या बताया था?

अब जानकारी के लिए बता दें कि यह मामला तूल तब पकड़ा जब पीड़िता की मां की एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। उस चिट्ठी में मां ने आरोप लगाया कि बेटी को ऑफिस में जरूरत से ज्यादा काम करवाया जाता था। यहां तक कहा गया कि वीकेंड में उसे छुट्टी नहीं मिलती थी, कई बार तो ऐसा भी हुआ कि उसने पूरी रात काम किया और फिर सुबह ऑफिस में आकर अपनी शिफ्ट भी कंप्लीट की।

विवाद पर ऑफिस ने क्या बताया?

अब जब इस विवाद को लेकर इंडियन एक्सप्रेस ने ऑफिस से बात की तो उनकी तरफ से अलग ही कहानी बताई गई है। कंपनी के अध्यक्ष राजीव मेमामी ने कहा कि ऐना हमारे साथ 4 महीने तक काम की थी। उनको भी किसी दूसरे कर्मचारियों की तरह ही काम दिया गया था, हम नहीं मानते कि काम के प्रेशर की वजह से उसकी जान गई होगी। वैसे ऑफिस जरूर दावा कर रहा है कि उनकी तरफ से कोई चूक नहीं हुई है, लेकिन पीड़िता की मां की चिट्ठी बताती है कि उनकी बेटी के अंतिम संस्कार में ऑफिस का कोई कर्मचारी शामिल नहीं हुआ था। किसी ने एक बार भी बात तक नहीं की।