पुणे एयरपोर्ट कैंपस के इलाके में पिछले कई महीनों से दिखाई दे रहे एक वयस्क नर तेंदुए को आखिरकार बेहोश करके सुरक्षित पकड़ लिया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि यह काम वन विभाग, आरईएसक्यू चैरिटेबल ट्रस्ट, भारतीय वायु सेना और एयरपोर्ट प्रशासन की संयुक्त टीम ने मिलकर पूरा किया।

तेंदुए को पहली बार 28 अप्रैल को देखा गया था। इसके बाद 19 नवंबर को वह फिर दिखाई दिया। वन अधिकारियों के मुताबिक तेंदुआ एयरपोर्ट के अंदर मौजूद भूमिगत सुरंगों, घनी झाड़ियों और कम भीड़ वाले हिस्सों से अंदर-बाहर आता जाता था। इसी वजह से उसे पकड़ना काफी मुश्किल हो रहा था।

अधिकारियों ने बताया कि एयरपोर्ट एक बड़ा और संवेदनशील क्षेत्र है। ऐसे में वहां कैमरे लगाना और तेंदुए की सही निगरानी करना आसान नहीं था। कैमरा ट्रैप, लाइव कैमरे और पिंजरे लगाए गए, लेकिन तेंदुआ हर बार पिंजरे में जाने से बच जाता था। इसके बावजूद टीम लगातार उस पर नजर रख रही थी।

सुरंग के जाल में घुसने के बाद पकड़ में आया तेंदुआ

उन्होंने बताया कि चार दिसंबर को जानकारी मिली कि तेंदुआ सुरंगों के जाल में घुस गया है। इसके बाद सुरंगों के निकास रास्ते बंद कर दिए गए और उसकी हर हरकत पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त कैमरे लगा दिए गए। करीब 30 लोगों की संयुक्त टीम ने तेंदुए को लगभग 80 फुट लंबी एक सुरंग के अंदर तक पहुंचाया, ताकि उसे बेहोश करने का मौका मिल सके।

वन्यजीव डॉक्टर डॉ. गौरव मंगला ने बताया कि तेंदुए ने दोनों लाइव कैमरे खराब कर दिए थे, और उन्हें बहुत कम जगह में एक मुश्किल एंगल से दवा वाला तीर चलाना पड़ा। उन्होंने कहा कि पूरी टीम शांत रहकर अपने-अपने स्थान पर डटी रही, इसी वजह से यह अभियान सफल हुआ।

ऑपरेशन के दौरान सामान्य रूप से ऑपरेट करता रहा एयरपोर्ट

अधिकारियों ने बताया कि तेंदुआ पूरी तरह सुरक्षित है और उसे आगे की जांच और निगरानी के लिए पुणे के बावधन में स्थित ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर में रखा गया है। पुणे वन प्रभाग के उप वनसंरक्षक महादेव मोहिते ने कहा कि कई एजेंसियों के सहयोग से ही यह बड़ा और चुनौतीपूर्ण अभियान बिना किसी नुकसान के पूरा हो सका। एयरपोर्ट का कामकाज भी पूरे समय सामान्य रूप से चलता रहा। (इनपुट – भाषा)

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