जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू में कई जगह हिंसा भड़कने के बाद पुलिस ने एहतियायत के तौर पर कर्फ्यू लगा दिया है। जम्मू के गुज्जर नगर इलाके में भड़की हिंसा के बाद लगभग दर्जन भर लोग घायल हो गए और कई वाहनों में आग लगा दी गई।
पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आत्मघाती हमले के विरोध में शुक्रवार को जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा बंद बुलाया गया था। विरोध दर्ज कराने के मकसद से निकाला गए इस जुलूस को लेकर उस समय बवाल मच गया जब बजरंग दल , वीएचपी और शिवसेना के संगठन के लोग मुस्लिम बहुल इलाके से तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनपर एक गुट द्वारा पहले हमला किया गया। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना किसी उकसावे के प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय लोगों की खड़ी गाड़ियों में आग लगानी शुरू कर दी जिसके बाद हिंसा भड़क गई। झड़प के बाद मामला और बिगड़ता नजर आया और दोनों तरफ से पत्थरबाजी होनी लगी इस दौरान मौके पर आईजीपी एमके सिन्हा समेत कई बड़े अधिकारी पहुंचे। जिसके बाद पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए लाठियां चलाई और आंसू गैस के गोले छोड़ दोनों पक्ष के लोगों को तितर-बितर किया।

इसके अलावा बाकी इलाकों में बंद शांतिपूर्वक रहा कहीं से किसी ऐसी घटना की खबर नहीं आई।बीजेपी नेता रविंद्र रैना और सांसद जुगल किशोर समेत कई बड़े नेताओं ने प्रदर्शन किया और तावी नदी के पुल पर गाड़ियां रोकने की कोशिश की। इसके अलावा जम्मू में वकीलों ने भी प्रदर्शन कर शहीद जवानों के प्रति संवेदना प्रकट की।

बता दें कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी की शाम को फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के कम से कम 38 जवानों के शहीद होने की खबर आई।  केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500  जवान के 78 गाड़ियों के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ। यह हमला श्रीनगर से लगभग 30 किलोमीटर दूर हुआ। घटना की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली। हमलावर ने 350 किलो विस्फोटक से लदी कार से सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी। इस दौरान बस के परखच्चे उड़ गए और जवानों के शव क्षत-विक्षत हो गए।