पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान के परिजनों से घर जाकर मुलाकात की। शहीद कुलविंदर सिंह के गांव आनंदपुर साहिब (रोपड़) पहुंचे कैप्टन ने उनके सम्मान में अच्छा कदम उठाया है। उन्होंने स्थानीय स्कूल और रोपड़ को आनंदपुर साहिब से जोड़ने वाली सड़क का नाम शहीद कुलविंदर सिंह के नाम पर करने का ऐलान किया है।

सहायता राशि का किया ऐलानः सीएम अमरिंदर ने इसके साथ ही 12 लाख रुपए की सहायता राशि देने के साथ-साथ कहा शहीद कुलविंदर का कोई बच्चा नहीं है ऐसे में उनके माता-पिता को 10 हजार रुपए की पेंशन हर महीने देने का फैसला किया है। गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को ललकारते हुए कैप्टन ने कहा था, ‘पंजाब में ऐसा करने की सोचना भी मत, यहां हम अच्छी तरह से निपट लेंगे।’

जहां से निकले शहीदों के जनाजे, नम हुईं आंखेंः गौरतलब है कि गुरुवार को सीआरपीएफ जवानों की बस से पुलवामा में एक फिदायीन हमलावर ने अपनी को टकरा दिया। विस्फोटकों से भरी इस कार ने बस के परखच्चे उड़ा दिए। इस घटना में 40 जवान शहीद हो गए थे। देशभर में स्थित जवानों के पैतृक गांवों तक शनिवार को उनके शव पहुंचे जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। देशभर में जहां-जहां भी शहीदों के जनाजे निकले भारी तादाद में लोगों ने नम आंखों से उन्हें सलामी दी। शहीदों की और उनके परिजनों की दर्दनाक कहानियां जिसने भी सुनी उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े। भारत सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सुरक्षा बलों को खुली छूट देने का भी ऐलान किया। अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान की जमकर निंदा हो रही है।