गजेंद्र सिंह
रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने के क्रम में मौजूदा समय में रेलवे विभाग के पास तीन और स्टेशन के नाम बदलने के प्रस्ताव लंबित हैं। इसमें एक स्टेशन उत्तर प्रदेश में तो दूसरा बिहार में और तीसरा स्टेशन ओड़ीशा में है। रेलवे बोर्ड की ओर से यह जानकारी सूचना के अधिकार कानून के तहत दी गई है।
सूचना के अधिकार (आरटीआइ) कानून 2005 के तहत रेलवे से पूछा गया था कि मौजूदा समय में किन ट्रेनों और स्टेशनों के नाम बदलने के प्रस्ताव लंबित है। इस बारे में बताया गया कि वर्तमान में किसी भी ट्रेन का नाम बदलने का प्रस्ताव लंबित नहीं है।
हालांकि ट्रेनों का नामकरण एक सतत प्रक्रिया है। वहीं स्टेशन के नाम बदलने के तीन प्रस्ताव रेलवे के पास आए हुए हैं। इनमें एक उत्तर प्रदेश का स्टेशन झांसी है। कुछ माह पहले यूपी सरकार की ओर से इसका नाम बदलकर वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई स्टेशन करने की बात कही गई थी। इसके अलावा बिहार के सहरसा कचहरी स्टेशन का नाम भी बदलने की प्रक्रिया चल रही है। इसके अतिरिक्त ओड़ीशा के जाजपुर केंदुझर रोड रेलवे स्टेशन का नाम भी बदल सकता है।
प्लेटफार्म टिकट से कमाई घटी
कोरोना काल के दौरान प्लेटफार्म और स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ को कम करने के लिए प्लेटफार्म टिकट के दामों में भी बढ़ोतरी की गई थी। आरटीआइ के तहत रेलवे की ओर से बताया गया कि जनवरी 2020 से लेकर मार्च 2020 तक 54.31 करोड़, अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक 15.48 करोड़ और अप्रैल 2021 से जून 2021 तक 20.87 करोड़ रुपए रेलवे ने अर्जित किए। कोरोना से पहले यह कमाई सौ करोड़ रुपए से ऊपर जाती थी।
रेलवे घाटे में नहीं रही!
आरटीआइ से मिली जानकारी के मुताबिक, रेलवे पिछले 10 सालों से घाटे में नहीं है। जानकारी के मुताबिक, वित्तीय सत्र 2010-11 से लेकर 2020-21 तक में रेलवे ने एक हजार करोड़ रुपए से अधिक कमाई की है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में तो यह कमाई 10 हजार करोड़ रुपए से ऊपर गई है। इससे पहले 2006-07 और 2007-08 में भी रेलवे की कमाई क्रमश : 10 हजार और 13 हजार करोड़ रुपए से अधिक हुई थी। सिर्फ वित्तीय वर्ष 2009-10 में यह कमाई उम्मीद से काफी कम 0.75 करोड़ रुपए हुई थी।