बिहार के बाहुबली राजनेता आनंद मोहन समेत 26 कैदियों की रिहाई का मुद्दा काफी चर्चाओं में है। जेल मैनुअल में संशोधन के बाद 27 कैदियों की रिहाई हुई है, जिनमें एक ऐसे कैदी का नाम भी शामिल है जिसकी मृत्यु हो चुकी है। यह कैदी बक्सर जेल में कैद था और पिछले साल नवंबर मे ही इसकी मौत हो गई थी।

एक अधिकारी ने बताया कि इस गलती का पता तब चला जब कानून विभाग ने 24 अप्रैल को जारी अधिसूचना में जेल के पांच कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया। बक्सर जेल के अधीक्षक राजीव कुमार ने उस वक्त रिहा होने वाले कैदियों में मर चुके प्रीतम राय कैदी का भी नाम देखा। जेल अधीक्षक ने संवाददाताओं से कहा, “रिहा किए जाने वाले कैदियों की सूची में 93 वर्षीय प्रीतम राय का भी नाम है जिनकी मृत्यु पिछले साल नंवबर में ही हो गई थी।”

उन्होंने कहा कि एक अन्य कैदी रामाधार राम को भी रिहा नहीं किया जा सकता क्योंकि उसने अदालत द्वारा लगाए गए जुर्माने को नहीं भरा है। अधिकारी ने कहा, “रामाधार राम के परिवार को रिहाई आदेश की सूचना दी गई है। उसे जल्द रिहा किया जा सकता है अगर परिवार जुर्माने की राशि संबंधित अदालत में जमा करा दे।”

आनंद मोहन और 26 कैदियों की रिहाई पर सियासत गर्म

वहीं, आनंद मोहन के साथ 26 कैदियों की रिहाई को लेकर सियासित गर्म हो गई है। बसपा और भाजपा ने इस मुद्दे पर नीतीश कुमार सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा ने आनंद मोहन की रिहाई पर ऐतराज नहीं जताया, लेकिन बाकी 26 कैदियों को रिहा करने के फैसले को लेकर बिहार सरकार पर हमला बोला है और इसे राजद का खेल करार दिया है।

भारतीय जनता पार्टी के सांसद अजय निषाद ने कहा कि यह चुनी हुई सरकार का फैसला है इसलिए आनंद मोहन की रिहाई पर कोई आपत्ति नहीं। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन इसकी आड़ में खेल दिख रहा है और वह निंदनीय है। उन्होंने कहा, “एक खास वर्ग के लोगों को फायदा देने के लिए आनंद मोहन को बलि का बकरा बनाकर गेम हो गया है। जेडीयू और आरजेडी बेमेल गठबंधन है इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी दबाव में हैं और वह खुद फैसला लेने की स्थिति में नहीं हैं। यह दबाव में लिया गया फैसला है, जो बिहार के हित में नहीं है।” वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने आनंद मोहन की रिहाई के फैसले को लेकर राज्य सरकार को निशाने पर लिया है।

भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने भी यह बात कही थी कि आनंद मोहन की रिहाई पर आपत्ति नहीं है, लेकिन उनके साथ रिहा किए गए कई लोग गंभीर घटनाओं में शामिल रहे हैं। इसी लाइन पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी नीतीश सरकार पर हमला बोला और कहा कि आनंद मोहन की आड़ में सरकार ने जो काम किया है, उसे समाज कभी माफ नहीं करेगा। वहीं, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि इन सभी ने अपने हिस्से की सजा काट ली है।