बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लिए पहुंच से बाहर हैं। शुक्रवार (15 जुलाई, 2022) को पटना के दौरे के दौरान सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार से कई बार बात करने की कोशिश की, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री ने उनकी किसी भी कॉल का जवाब नहीं दिया।

बता दें कि नीतीश पहले ही एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से मिल चुके हैं। ऐसे में इस बात का कोई संदेह नहीं है कि उनका समर्थन किसको जाने वाला है। बिहार में बीजेपी और जनता दल (यूनाइटेड) गठबंधन में है।

यशवंत सिन्ह ने कहा, “मैं राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन के लिए देश भर के नेताओं से बात कर रहा हूं। मैंने बिहार के मुख्यमंत्री को बार-बार कॉल की, संदेश भेजे, लेकिन ऐसा लगता है कि मेरा स्टेटस इतना छोटा है कि नीतीश कुमार मेरे साथ बोलना अनुचित मानते हैं। मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई है।”

उन्होंने कहा, “लेकिन अगर मैंने उनसे बात की होती तो मैंने उनसे वही कहा होता जो मैंने आज सभी से कहा, कि मेरा मानना ​​है कि नीतीश जी को बिहार के बारे में सोचना चाहिए। अगर कोई उम्मीदवार बिहार से है, तो वह समर्थन क्यों नहीं करेंगे? जिस दिन द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा की गई थी, उसी दिन ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्पष्ट कर दिया था कि वह उनका ही समर्थन करेंगे।”

अगर 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू, निर्वाचित होती हैं तो, भारत की राष्ट्रपति बनने वाली वह पहली आदिवासी महिला होंगी। वहीं, इससे एक दिन पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा ने घोषणा की थी कि वह द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेंगे। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में अब सिर्फ यशवंत सिन्हा और द्रौपदी मुर्मू के बीच ही मुकाबला है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 98 लोगों ने नामांकन किया था, जिनमें से 96 लोगों का नामांकन रिजेक्ट कर दिया गया था।