पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा ‘मिशन शक्ति’ की सफलता की घोषणा करने के बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि देश की इस क्षमता को गोपनीय रखना चाहिए था लेकिन नासमझ सरकार ने ऐसा नहीं किया। इस पर जवाब देते हुए आज शनिवार (6 अप्रैल) को डीआरडीओ प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने कहा कि ‘मिशन शक्ति’ की प्रकृति ऐसी थी कि इसे किसी भी हाल में गोपनीय नहीं रखा जा सकता था। उन्होंने कहा कि उपग्रह को दुनिया भर के कई देशों के स्पेस स्टेशनों द्वारा ट्रैक किया जाता है। रेड्डी ने बताया कि इस मिशन के लिए सभी जरूरी मंजूरियां ली गई थीं। इस बीच डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन ने मिशन शक्ति पर एक प्रेजेंटेशन भी जारी किया।

क्या है मिशन शक्ति: बता दें कि हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बताया था कि भारत ने अंतरिक्ष में भी युद्धक मारक क्षमता हासिल कर ली है। इसके अलावा भारत ने 3 मिनट के अंदर ही मिशन शक्ति के तहत अंतरिक्ष के लो-ऑर्बिट में एक सैटेलाइट को मार गिराया था। गौरतलब है कि इस उपलब्धि को स्वदेश में बने ऐंटी-सैटलाइट मिसाइल के जरिए अंजाम दिया गया था। आज डीआरडीओ ने इसी मिशन शक्ति का एक प्रेजेंटेशन वीडियो देश के सामने रखा।

क्या था चिदंबरम का बयान: बता दें कि कुछ दिन पहले ही मिशन शक्ति के बहाने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा था कि उपग्रह को मार गिराने की क्षमता हमारे पास कई वर्षों से थी लेकिन हमारी सूझबूझ वाली सरकार ने देश की इस क्षमता को गोपनीय रखा। लेकिन मौजूदा नासमझ सरकार ने देश की रक्षा क्षमता का खुलासा किया है।