छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक अस्पताल की लापरवाही की कीमत गर्भवती महिला को अपने बच्चे की जान देकर चुकानी पड़ी। मामला जिले के भोपालपटनम का है। यहां 13 जुलाई को एक गर्भवती महिला को एंबुलेंस न मिल पाने के कारण खाना बनाने वाले बड़े बर्तन में बिठाकर नदी पार कराई गई। इसके बाद जब उसे बमुश्किल अस्पताल पहुंचाया गया, तो वहां स्टाफ की लापरवाही जारी रही। महिला के पति हरीश की शिकायत है कि अस्पताल में मौजूद स्टाफ उसकी पत्नी को देखने के लिए घंटों तक ड्यूटी डॉक्टर का इंतजार करता रहा। इसके चलते उनके बच्चे की मौत हो गई।
हरीश ने इस सिलसिले में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) के दफ्तर में केस दर्ज कराया है। उन्होंने कहा है कि अगर इस मामले में अस्पताल पर कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे कलेक्टर से भी मिलने के लिए तैयार हैं। हालांकि, बीएमओ अजय रामटेक ने कहा है कि अस्पताल के तीन स्टाफ सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। हम जांच कर रहे हैं कि गर्भवती महिला के साथ उस रात क्या किया गया। इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, हरीश का कहना है कि उन्हें इस मामले में एक हफ्ते बाद तक कोई जानकारी नहीं मिली है।
हरीश (33) की शादी चार साल पहले ही लक्ष्मी (35) से हुई है। मामिदगुड़ा गांव में रहने वाली यह दंपती इस साल अपने पहले बच्चे की डिलीवरी की उम्मीद कर रही थी। दोनों पति-पत्नी पिछले कई दिनों से अपने घर को छोड़कर लक्ष्मी के माता-पिता के गांव मिनुर में ठहरे हुए थे, क्योंकि उनका घर भोपालपटनम के स्वास्थ्य केंद्र के करीब है। गोरला पंचायत में आने वाला मिनुर गांव बीजापुर से 43, जबकि तहसील से महज 15 किमी दूर है। हालांकि, गोरला और मिनुर के बीच चिंतावागु नदी बहती है।
पिछले हफ्ते ही जब हरीश की पत्नी को पेट में दर्द उठा, तो वे नदी को पार कर गोरला स्थित एंबुलेंस तक पहुंचने की कोशिश में जुट गए। इसके लिए उन्होंने खाना बनाने वाले बड़े बर्तन में लक्ष्मी को बिठाया। हरीश के मुताबिक, नदी के तल के फिसलनभरे होने के बावजूद उन्होंने नदी पार की और दोपहर तीन बजे भोपालपटनम हॉस्पिटल पहुंच गए हैं। अस्पताल पहुंचने के बाद उनकी पत्नी ने कई बार दर्द की शिकायत की। लेकिन नर्सों ने उन्हें नॉर्मल डिलीवरी के लिए इंतजार कराना जारी रखा।
हरीश की शिकायत है कि अस्पताल के स्टाफ ने उन्हें रात तक इंतजार कराया। इसके बाद रात 9 बजे जब दर्द की वजह से लक्ष्मी का ब्लड प्रेशर गिरने लगा, तो नर्स ने उसे डांटना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने ऑन-ड्यूटी डॉक्टर को बुलाया, जिन्होंने तब तक ड्यूटी के लिए रिपोर्ट तक नहीं किया था। रात करीब 10:30 बजे डॉक्टरों ने लक्ष्मी की डिलीवरी कराई। हालांकि, बच्चा मृत पैदा हुआ।