उत्तर प्रदेश में कांग्रेस वापसी के लिए प्रयास कर रही है, इसी क्रम में पिछले दिनों जहां रथ यात्रा शुरू की गई तो राहुल गांधी की रैली हुई। लेकिन हालात उतने आसान नजर नहीं आ रहे। जब सोनिया गांधी ने बस यात्रा को रवाना किया तो कांग्रेस कार्यालय में केवल 400 लोग मौजूद थे। वहीं मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित दिल्ली की सीमा से बाहर निकलने से पहले ही अस्वस्थ हो गईं। इसके चलते तुरंत डॉक्टर को बुलाया गया और दीक्षित को बस से उतारा गया। बस में सफर कर रहे कुछ अन्य नेताओं ने भी ट्रेवल सिकनेस की शिकायत की।
इस गड़बड़ी के लिए चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर दोष मढ़ा जा रहा है। यह महसूस किया जा रहा है कि यूपी में कांग्रेस को संगठित करने में किशोर का मन नहीं लग रहा। व्यंग्यात्मक रूप से कुछ लोग कह रहे हैं कि प्रशांत किशोर कांग्रेस का साथ छेाड़ना चाहते हैं। दूसरी ओर, बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कांग्रेस के आला नेताओं से शिकायत की है कि किशोर को बिहार में केबिनेट रैंक की पोस्ट दी गई है लेकिन उन्होंने अभी तक कोई आइडिया नहीं दिया है। गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने बिहार में महागठबंधन के लिए चुनाव रणनीति बनाई थी।
प्रशांत किशोर की मुश्किलें बढ़ीं, यूपी-पंजाब में जीत दिलाने की मुहिम को लग सकता है एक और झटका