Prashant Kishor Taunt on Bihar CM Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पलटवार किया है। बिहार तक न्यूज पोर्टल से बातचीत करते हुए हुए कहा जब लोगों ने नीतीश कुमार के नए प्रयोग पर मेरी टिप्पणी मांगी तो मैंने बताया, ‘जिस कलाकारी से या जिस समझदारी से नीतीश कुमार जी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हुए हैं। पिछले 10 सालों में उनका ये छठवां फॉर्मेशन है। उसमें एक ही चीज कॉन्सटेंट है नीतीश कुमार जी का मुख्यमंत्री बने रहना। वो कुर्सी है उनकी की जाती ही नहीं।’

प्रशांत किशोर ने आगे कहा, ‘मुझे लोग कहते हैं कि आपको ब्रैंडिंग का थोड़ी बहुत समझ है इसलिए मैं कहता हूं कि अगर मुझे फेवीकोल वाले मिलें तो मैं उनको बोलूंगा कि नीतीश कुमार और उनकी कुर्सी का जोड़ फेविकोल से भी मजबूत है एक बार फेवीकोल का जोड़ टूट जाएगा लेकिन नीतीश कुमार की उनकी कुर्सा का जोड़ नहीं टूटेगा।’ जब प्रशांत किशोर से पूछा गया कि नीतीश कुमार फेविकोल के साथ विपक्षी नेताओं से दिल्ली में बैठक कर रहे हैं सामने 2024 का चुनाव तो इसको लेकर क्या कहेंगे आप?

बिहार का सियासी घटनाक्रम से राष्ट्रीय राजनीति पर कोई फर्क नहींः पीके

प्रशांत किशोर ने इस सवाल के जवाब में कहा, ‘बिहार में पिछले दिनों जो सियासी घटनाक्रम हुआ है वो एक राज्यस्तर की घटना है। इसका मैं राष्ट्रीय राजनीति पर कोई असर होता हुआ नहीं देख रहा हूं। जो लोग भी चुनाव जीतते हैं वो नई फॉर्मेशन की कोशिश करते हैं दिल्ली जाते हैं मुंबई जाते हैं। वो अपने साथी नेताओं से मिलते हैं। आप चार नेताओं से मिलिएगा उनके साथ चाय पीजिएगा, मीटिंग कीजिएगा तो इन बातों से जनता पर क्या फर्क पड़ने वाला है? उससे आपके चुनाव लड़ने की क्षमता, जनता पर आपका विश्वास और एक नए नैरेटिव को लेकर क्या फर्क पड़ता है?’

नीतीश कुमार के दिल्ली जाने का राष्ट्रीय राजनीति पर कोई फर्क नहीं

पीके ने आगे कहा, ‘मान लीजिए महाराष्ट्र में अगर पहले महाविकास अघाड़ी की सरकार थी और अब एनडीए की सरकार है तो उसका दूसरे राज्यों में क्या फर्क पड़ जाएगा? बिहार में तो उसका फर्क नहीं दिखाई दिया? ये राज्यों पर आधारित घटनाएं हैं नीतीश जी दिल्ली गए तो बिहार से संबंधित नेता पत्रकार जो मिनट टू मिनट नीतीश जी को फॉलो कर रहे हैं वो इसमें कुछ मतलब निकालने का प्रयास कर सकते हैं। राष्ट्रीय स्तर की राजनीति पर इस तरह की घटनाओं का कोई बहुत बड़ा असर मैं नहीं देखता हूं।’

5 मई को ऐलान के बाद से मैं लगातार बिहार में ही हूं

जब पीके से ये पूछा गया कि आप उन सभी नेताओं के साथ काम कर चुके हैं जिनसे नीतीश कुमार मुलाकात कर रहे हैं तो आपको ऐसा कुछ लगता है कि इस बार बीजेपी बनाम ऑल पार्टीज का कोई मुकाबला होते हुए दिखाई दे रहा है? इस सवाल के जवाब में पीके ने कहा, ‘मैंने इन बातों से खुद को अलग कर रखा है। जब से मैं बिहार आया हूं या इसके पहले जब मैं बिहार आता था तो लोगों का फीडबैक मुझे यही मिला है कि वो चाहते हैं मैं बिहार में ही रहूं। बिहार के बाहर की राजनीति बाहर के नेताओं के साथ इधर-उधर की बातों की बजाए आप बिहार में रहकर यहां फोकस करते हुए काम कीजिए। मैं पूरी ईमानदारी के साथ वो काम करने की कोशिश कर रहा हूं। 5 मई के बाद से जब से मैंने इस बात का ऐलान किया है तब से मैं लगातार बिहार में ही रुककर काम कर रहा हूं।’