फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत खुदकुशी मामले में अब सियासत तेज हो चली है। बीजेपी-जेडीयू के लोग जहां मामले में सीबीआई की जांच की मांग कर रहे हैं, वहीं बिहार में बनी नई राजनीतिक पार्टी भारतीय सबलोग पार्टी के एक नेता ने सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर सुल्तानगंज में फिल्म सिटी बनाने का ऐलान किया है।

भारतीय सबलोग पार्टी के नेता और सुल्तानगंज विधानसभा प्रत्याशी रवि सुमन कुमार उर्फ अरुण मंडल ने विज्ञापन छपवाकर इसका प्रचार किया है। विज्ञापन के मुताबिक 03 अगस्त यानी रक्षा बंधन के दिन फिल्म सिटी का शिलान्यास किया जाएगा। विज्ञापन पर दावा किया गया है, “बिहार के बच्चे अब नहीं जाएंगे धक्के खाने मुंबई। धर्मनगरी सुल्तानगंज में बनेगी उत्तर-पूर्व भारत की पहली सुशांत सिंह राजपूत फिल्म सिटी।” इसके साथ ही लिखा गया है कि अब गरीब की बेटी और बेटे भी बनेंगे एक्टर, सिंगर, डायरेक्टर। युवाओं को मिलेगा हजारों रोजगार।

विज्ञापन वाले पोस्टर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, पूर्व सांसद अरुण कुमार, बिहार सरकार की पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा के भी फोटो छपे हैं। इनके अलावा पूर्व चुनाव आयुक्त केजे राव को सलाहकार समिति का सदस्य बताया गया है। बता दें कि पूर्व सांसद अरुण कुमार ने जेडीयू से अलग होने के बाद भारतीय सबलोग पार्टी बनाई है। पिछले महीने पटना में अरुण कुमार और यशवंत सिन्हा ने मंच साझा किया था और नए बिहार के निर्माण के लिए आंदोलन का आह्वान किया था। सिन्हा पार्टी के संयोजक हैं।

जनसत्ता.कॉम से बात करते हुए रवि सुमन कुमार ने कहा कि 50 करोड़ की लागत से सुल्तानगंज से तीन किलोमीटर दूर शाहाबाद चौक के पास 30 एकड़ भू-खंड पर फिल्म सिटी की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए व्यापक पैमाने पर चंदा जुटाओ अभियान भी चलाया जाएगा। प्राचीन इतिहास में स्नातकोत्तर कुमार ने कहा कि 15 एकड़ जमीन अभी उनलोगों के पास है और 15 एकड़ जमीन की खरीद जल्द ही पूरी होगी। इसकी बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि शिलान्यास कार्यक्रम में पार्टी के तीनों बड़े नेता (अरुण कुमार, यशवंत सिन्हा, रेणु कुशवाहा) शामिल होंगे। उन्होंने फिल्म सिटी बनाने का श्रेय किसी खास व्यक्ति को न देकर इलाके के युवाओं और पार्टी नेतृत्व को दिया है। कुमार ने कहा कि अक्टूबर में भूमि पूजन का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।

इधर, कांग्रेस को सुशांत सिंह मामले में बीजेपी और जेडीयू नेताओं की बयानबाजी पर शक हो रहा है। कांग्रेस को लगता है कि एनडीए घटक दलों की पार्टियां सुशांत केस को उछालकर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में राजपूत समुदाय का वोट बटोरना चाहती हैं। बिहार में राजपूतों का किसी खास दल के साथ झुकाव नहीं है। लेकिन क्षेत्रीय हिसाब और नेताओं के लिहाज से इस जाति की पैठ राजद, कांग्रेस से लेकर बीजेपी-जेडीयू तक है। राजपूत समुदाय से आनेवाले बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिंह का परिवार पारंपरिक रूप से कांग्रेस से जुड़ा है तो पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश सिंह और ताकतवर नेता जगदानंद सिंह राजद से जुड़े रहे हैं।

बीजेपी में भी राधामोहन सिंह से लेकर राजीव प्रताप रूडी तक राजपूत समुदाय से जुड़े नेता हैं। बावजदू, सभी पार्टियां इस मुद्दे को उठाकर राजपूतों की सहानुभूति चुनाव में भुनाना चाह रही है।