ओडिशा पुलिस ने सोमवार (17 सितंबर) को बीजू जनता दल के पूर्व सांसद बैजयंत जय पांडा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। यह प्राथमिकी चिल्का झील के उपर ‘नो फ्लाइंग इको सेंसेटिव जोन’ में चॉपर उड़ाने को लेकर किया गया है। साथ ही उनका चौपर भी सीज कर लिया गया। पांडा ने एफआईआर और चौपर सीज करने की घटना को शर्मनाक कार्रवाई बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “असहायों की मदद करने के लिए मैं हेलिकॉप्टर से उनके पास पहुंचा था। एफआईआर में जो समय बताया गया है, ठीक उसी समय मैं वापसी में भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर लैंड किया। जबकि आरोप लगाया गया है कि मैंने प्रतिबंधित क्षेत्र में उड़ाया है। यह पूरी तरह दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई है। मेरे हेलिकॉप्टर को सीज कर भले ही मेरी चाल को धीमा कर दिया जाएगा। लेकिन मुझे लोगों के पास पहुंचने से कोई रोक नहीं सकता है। ओडिशा सरकार के अधिकारी तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने और मेरे उपर झूठा आरोप लगा मुझे विवादों में घसीटना चाहते हैं।”

नो फ्लाइंग इको सेंसेटिव जोन में उड़ान की प्राथमिकी सीआरए के जंगल के सहायक संरक्षक बिनोद आचार्य द्वारा अरनाकुडा में समुद्री थाने में दर्ज करवाई गई है। हालांकि एफआईआर में पांडा का नाम नहीं था। पुरी एसपी सार्थक सारंगी ने कहा कि उन्होंने भारत के हवाईअड्डे प्राधिकरण से जानकारी ली थी कि पूर्व सांसद भुवनेश्वर हैंगर से 15 सितंबर को दो अन्य व्यक्तियों के साथ केंडराड़ा तक पहुंचे थे।

एफआईआर में यह आरोप लगाया गया है कि 15 सितंबर को चिलिका झील प्रतिबंधित क्षेत्र में 1.30 बजे एक “सफेद रंग का हेलिकॉप्टर” उड़ते हुए देखा गया था। यह हेलिकॉप्टर अराखुडा और आसपास के गांवों में उतरने का प्रयास किया था। एफआईआर एक दिन बाद एक दिन के बाद हुआ जब एक स्थानीय दैनिक ने चिल्का झील में सी-प्लेन के उतरने की रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसके बाद यहां के लोगों के बीच हलचल मच गई थी। हालांकि एफआईआर में सीडीए के अधिकारी ने विमान को “हेलिकॉप्टर” बताया था। बता दें कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से उन्हें बीजू जनता दल से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने खुद पार्टी छोड़ दी थी। आरोप लगया था कि राज्य सरकार उनके द्वारा चलाए जा रहे अभियान को कमजोर करना चाहती है।