उत्तर प्रदेश के सीतापुर में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को बड़ा झटका लगा है। यूपी पुलिस ने पार्टी के 50 कार्यकर्ताओं पर बिना इजाजत बाइक रैली निकालने और कोरोना दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में मामला दर्ज़ किया है। सभी पर आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्यवाही की गई है।
पुलिस ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई के हवाले से बताया कि सीतापुर में AIMIM के नगर अध्यक्ष मोहम्मद मकीम अपने सहयोगियों के साथ पार्टी प्रचार के लिए मोटर साइकिल पर एक से अधिक व्यक्ति सवार होकर झुंड बनाकर बिना अनुमति के प्रदर्शन कर रहे थे। जिसके बाद उक्त व्यक्तियों पर धारा 188, महामारी अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
बिहार चुनाव के बाद अब एआईएमआईएम की नजर पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में है। पश्चिम बंगाल से सटे बिहार के जिलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब हुए एआईएमआईएम अगले साल होनेवाले चुनाव के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में होनेवाले 2022 के चुनाव में उतरने की कोशिश में है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2022 में होनेवाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अगर बसपा के साथ एआईएमआईएम एक बार फिर हाथ मिलाकर दलित-मुस्लिम कार्ड का दांव खेल सकती है। इससे बसपा और एआईएमआईएम दोनों को लाभ हो सकता है। दोनों पार्टियों की दोस्ती उत्तर प्रदेश में राजनीतिक समीकरण के गणित को बिगाड़ सकता है।
बता दें उत्तर प्रदेश AIMIM के अध्यक्ष शौकत अली ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोलते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में तीनों चुनावों- जिला पंचायत का चुनाव, 2022 का विधानसभा का चुनाव, फिर नगरपालिका-नगर पंचायत चुनाव की तैयारी हम एक साथ कर रहे हैं. हमारी पार्टी पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी।