WB SSC Scam: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य को प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार (11 अक्टूबर) को गिरफ्तार कर लिया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस उन्हें लेकर कोर्ट पहुंची तो पश्चिम बंगाल बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें चप्पलें दिखाईं और चोर-चोर के नारे लगाए। माणिक पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं उन्हें ईडी ने गिरफ्तार कर कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट में पेश किया।

ईडी पिछले कई दिनों से माणिक से पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के बारे में पूछताछ कर रही थी। जब माणिक ने ईडी को जांच में सहयोग नहीं किया तो ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने ये कार्रवाई माणिक से लंबी पूछताछ के बाद की है। ये पूरा मामला पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में की गई नियुक्तियों में अनियमितताओं से संबंधित है। इसके पहले 27 सितंबर को सीबीआई ने भी इस मामले में टीएमसी विधायक को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वो तब जांच एजेंसी के सामने हाजिर नहीं हुए थे।

इस वजह से नहीं हो रही थी गिरफ्तारी

टीएमसी नेता को जब सीबीआई ने समन जारी किया था तो गिरफ्तारी से बचने के लिए टीएमसी नेता माणिक ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी और अगले आदेश तक सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सीबीआई की गिरफ्तारी से छूट दी थी। हालांकि, मंगलवार को हुई उनकी गिरफ्तारी के पीछे सीबीआई नहीं बल्कि ईडी का हाथ था। इसके पहले भी इस मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व उद्योग मंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।

CBI ने शिक्षक भर्ती घोटाले में 30 सितंबर को दाखिल की थी चार्जशीट

इसके पहले 30 सितंबर को सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट में ममता सरकार में शिक्षा मंत्री रहे पार्थ चटर्जी मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया है इस चार्जशीट में कुल 16 नामों का जिक्र है। इसके पहले जुलाई में प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था। पार्थ चटर्जी की एक करीबी सहयोगी के घर से 50 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे।