मुख्तार अंसारी के बेटे सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी को पकड़ने में लगी पुलिस को विशेष अदालत ने राहत दी है। अब पुलिस को 10 अगस्त तक अब्बास अंसारी को पकड़कर एपी एमएलए कोर्ट के सामन पेश करना होगा। इससे पहले लखनऊ की महानगर पुलिस को 27 जुलाई तक अब्बास को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया था।
मऊ से विधायक अब्बास अंसारी को पुलिस अभी तक पकड़ने में नाकाम रही है। अब पुलिस की आठ टीमें और लगाई गई हैं और एसटीएफ की दो टीमें भी अब्बास की तलाश में लगी हैं। उत्तर प्रदेश के कई शहरों में विधायक को पकड़ने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है। पुलिस लगातार अब्बास के रिश्तेदारों के संपर्क में है और पूछताछ कर रही है। इसके अलावा, उसके करीबियों के मोबाइल नंबर भी सर्विलांस पर लगाए गए हैं।
अब्बास अंसारी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए विशेष अदालत का रुख किया था। तत्कालीन महानगर थाना प्रभारी अशोक सिंह ने 12 अक्टूबर, 2019 को अब्बास के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। इस प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया था कि अब्बास ने लखनऊ से बंदूक का लाइसेंस प्राप्त किया और फिर इसको दिल्ली स्थानांतरित कर दिया। यह भी आरोप है कि बदल हुए पते पर उसने यह कहकर कई हथियार खरीदे कि वो एक प्रसिद्ध शूटर है। बता दें कि बाहुबली मुख्तार अंसारी फिलहाल उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद है।
उधर, मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी और उनके दोनों साले अनवर रजा और आतिफ उर्फ सरजील रजा भी फरार हो गए हैं। इन तीनों की तलाश में भी पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है। कोर्ट से गैरजमानती वारंट जारी होने के बावजूद मऊ पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए मुख्तार की पत्नी और दोनों सालों को भगोड़ा घोषित कर दिया है।
अफ्सा अंसारी और उनके भाईयों ने मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में जमानत नहीं कराई है। इसी मामले में कोर्ट ने तीनों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया और फिर मऊ पुलिस ने तीनों की तलाश में छापेमारी की।
इन तीनों के नाम पर एक गोदाम था, जिसे जिला प्रशासन ने जब्त कर लिया। इस गोदाम की कीमत 3 करोड़ 26 लाख रुपए है। ये तीनों विकास कंस्ट्रक्शन नाम की फर्म में हिस्सेदार हैं।