उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के कसमपुर बिलौच गांव में स्थानीय लोगों द्वारा विरोध करने के बाद पुलिस ने रविवार (7 अक्टूबर) एक मांस दुकान बंद करवा दी। स्थानीय लोगों ने दुकानदार को मांस बेचने के लिए लाइसेंस देने का भी विरोध किया है। इसके बाद पुलिस ने निर्देश दिया है कि 35 वर्षीय मांस विक्रेता खुर्शीद खान को लाइसेंस जारी करने के दौरान सभी मापदंडों को पूरा किया है या नहीं, इसकी जांच की जाए। साथ ही इस बात का भी जांच किया जाए कि संबंधित विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) लिया गया या नहीं? यह निर्देश तब दिया गया जब रविवार को हिंदू समुदाय के लोगों ने गांव में अपने घर के नजदीक मांस की दुकान खोले जाने का विरोध किया। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने दुकानदार से स्थिति सामान्य होने तक दुकान बंद रखने को कहा है।

इस पूरे मामले पर बिजनौर के एसपी उमेश कुमार सिंह कहते हैं, “स्थानील लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि मांस दुकान खोलने से पहले सभी प्रक्रियाओं को पूरा नहीं किया गया था। उनकी शिकायत के बाद जांच के आदेश दिए गए है। यदि कहीं कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी। बिजनौर में इस तरह के कुछ और मामले आए हैं, जहां स्थानीय लोगों ने मांस दुकान को लाइसेंस देने को लेकर आपत्ति जताई है।”

इस घटना के बाद गांव में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। यहां 70 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है। मांस विक्रेता खुर्शीद ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मैंने जिला प्रशासन कार्यालय में लाइसेंस के लिए आवेदन दिया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद 19 सितंबर को मुझे लाइनसेंस निर्गत किया।” वे आगे कहते हैं, “दुकान की मरम्मत के बाद मैंने रविवार को इसे खोला था। यह दुकान गांव में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों के घर से करीब 150 मीटर की दूरी पर है। मैंने सुना है कि उस समुदाय के लोग दुकान खोलने का विराेध कर रहे हैं। मैंने पुलिस के आदेश को मानते हुए कुछ दिनों तक दुकान को बंद रखने का निर्णय किया है।” इस पूरे घटना पर शिवकालन थाने के एसएचओ अमन सिंह कहते हैं, “ग्रामीणों द्वारा मांस दुकान के लाइसेंस को रद्द करने का आग्रह करते हुए एक पत्र मिला है। इस मामले में उचित कदम उठाया जाएगा।”