पुलिसवालों का नाम सुनते ही दिमाग में अक्सर नकारात्मक छवि ही बनती है, लेकिन कुछ पुलिसवाले वर्दी की इज्जत रखते हुए अपने काम को पूरी ईमानदारी से करने में भी नहीं हिचकते, चाहे ऐसा करने के लिए उन्हें अपनी जान ही क्यों न कुर्बान करनी पड़े। ऐसा ही एक वाकया शुक्रवार की रात दिल्ली के बवाना में इलाके में नजर आया जब दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल ने कुछ बदमाशों को पकड़ने के लिए जान की बाजी लगा दी, लेकिन बदमाशों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। इस घटना के बाद दिल्ली सरकार ने इस बहादुर जवान के परिजनों को 1 करोड़ रुपए मदद राशि दिए जाने की घोषणा की है।
Delhi Govt to give Rs1 cr as compensation to kins’ of Police constable Anand who ws shot dead by chain snatchers last night in Shahbad Dairy
— ANI (@ANI_news) August 20, 2016
पुलिस के मुताबिक, हरियाणा के सोनीपत के जाटी कलां गांव के रहने वाले कांस्टेबल आनंद सिंह शुक्रवार रात बवाना के औद्योगिक इलाके के सेक्टर-5 में अपनी ड्यूटी पर तैनात थे, तभी उन्हें एक महिला के चिल्लाने और मदद मांगने की आवाज सुनाई दी। मीना नाम की यह महिला समोचे चौक के पास रेहड़ी लगाती है। मीना रात को दुकान बंद करके घर जा रही थी, तभी मोटरसाइकिल सवार तीन बदमाशों ने उसे लूटने की कोशिश की। उसने शोर मचाया तो पास में ही गश्त कर रहे आनंद सिंह बदमाशों को पकड़ने लगे। इसी दौरान दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हुई और आनंद ने एक बदमाश को पकड़ लिया। अपने साथी को पुलिस की गिरफ्त में देख दूसरे बदमाश ने आनंद पर गोली चला दी। गोली लगने के कारण आनंद नीचे गिर गए , लेकिन फिर उठकर बदमाशों का पीछा करने लगे। तभी एक बदमाश ने उसके सिर पर हेलमेट मारकर उन्हें जमीन पर गिरा दिया। गंभीर रूप से घायल आनंद को महर्षि वाल्मीकि अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
आनंद की जांबाजी पर पुलिस अधिकारियों ने शनिवार दोपहर को न्यू पुलिस लाइंस में एक शोक सभा का आयोजन किया जहां हथियार झुका कर उन्हें सलामी दी गई। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से पुष्प भी अर्पित किए गए। इस दौरान दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय और पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा सहित कई आला पुलिस अधिकारी मौजूद थे। शोक संतृप्त परिवार को सांत्वना देते हुए पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा ने उसके परिवार को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया। वहीं दिल्ली सरकार ने आनंद के परिवार को एक करोड़ रुपए देने की घोषणा की है। आनंद के परिवार में मां, पत्नी और 22 व 19 साल के दो बेटे हैं। वह साल 1988 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे और फिलहाल बाहरी दिल्ली के शाहाबाद डेयरी थाने में तैनात थे।