मध्य प्रदेश में कफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मौत के बाद पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है। छिंदवाड़ा जिले के एक डॉक्टर को यह कफ सिरप प्रिस्क्राइब करने के लिए 10% कमीशन मिल रहा था।
पुलिस के अनुसार, डॉक्टर प्रवीण सोनी को कथित रूप से श्रीसन फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर से 10% कमीशन मिल रहा था। इसी कमीशन के चलते वे लगातार Coldrif सिरप प्रिस्क्राइब कर रहे थे। यह खुलासा उस समय हुआ, जब सोमवार को तमिलनाडु सरकार ने श्रीसन फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर का प्लांट बंद कर दिया और उसका लाइसेंस भी रद्द कर दिया। दूसरी ओर, ईडी ने भी कंपनी के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी।
दूसरी तरफ मामले की सुनवाई कर रहे एडिशनल सेशन जज गौतम कुमार गुर्जर ने डॉक्टर सोनी की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर ने सबकुछ जानते हुए भी वह कफ सिरप प्रिस्क्राइब किया था, जबकि उसके संभावित खतरे की जानकारी पहले से थी।
पुलिस द्वारा कोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट में 18 दिसंबर 2023 के एक सरकारी निर्देश का भी जिक्र है। उस निर्देश में भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह स्पष्ट आदेश दिया था कि चार साल से छोटे बच्चों को फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन (FDC) वाली दवाएं प्रिस्क्राइब नहीं की जाएं। इसके बावजूद, डॉक्टर सोनी लगातार वही सिरप लिखते रहे।
पुलिस जांच में सबसे अहम बात यह सामने आई कि डॉक्टर सोनी को कंपनी से 10% कमीशन मिल रहा था। हालांकि, कोर्ट में डॉक्टर सोनी ने इन आरोपों को खारिज किया है। उनके वकील पवन कुमार शुक्ला ने कहा कि डॉक्टर सोनी एक सरकारी चिकित्सक हैं और उन्होंने इलाज के दौरान जो दवाएं दीं, वे उस समय की स्थिति के अनुसार उचित थीं।
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि श्रीसन फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर के मालिक रंगनाथन को तमिलनाडु से गिरफ्तार कर मध्य प्रदेश लाया गया है। उनसे आगे की पूछताछ की जाएगी। वैसे पूछताछ तो अब हो रही है, लेकिन कफ सिरप को लेकर एक साल पहले CAG रिपोर्ट भी आई थी, उसमें भी कफ सिरप को लेकर विस्फोटक दावे हुए थे। वो रिपोर्ट जानने के लिए इस खबर का रुख करें