केंद्र की महत्त्वाकांक्षी प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के नाम के दुरुपयोग के जरिए यहां करीब 400 बेरोजगार युवकों को चूना लगाने के आरोप में पुलिस ने मंगलवार को 50 वर्षीय ठग को गिरफ्तार किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) बिट्टू सहगल ने बताया कि मामले में गिरफ्तार जनक मेहता पर आरोप है कि उसने यहां एक ट्रेनिंग सेंटर खोलकर बेरोजगार युवाओं को झांसा दिया कि उसका केंद्र प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से संबद्ध है।

उसने करीब 400 युवाओं से महीने भर के कौशल विकास प्रशिक्षण के नाम पर 2000-2000 रुपए वसूले। सहगल ने बताया कि मेहता ने युवाओं को जाल में फंसाते हुए कहा कि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की ओर से प्रमाण-पत्र दिया जाएगा और उनकी 2,000 रुपए की फीस वापस कर दी जाएगी। लेकिन इस प्रशिक्षण के बाद युवाओं को न तो एनएसडीसी की ओर से कोई प्रमाण-पत्र दिया गया, न ही उनकी जमा कराई फीस लौटाई गई।

उन्होंने बताया कि ठगी के शिकार कुछ युवकों की शिकायत पर जब पुलिस ने जांच की, तो पता चला कि मेहता का ट्रेनिंग सेंटर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना या एनएसडीसी से किसी तरह संबद्ध नहीं है। इस खुलासे के बाद मेहता को गिरफ्तार कर लिया गया। एएसपी ने बताया कि मेहता मूलत: गुजरात के भावनगर का रहने वाला है। वह मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में पिछले साल बेरोजगार युवकों को कौशल विकास प्रशिक्षण देने के नाम पर इसी तरह ठग चुका है। इस मामले में उसे गिरफ्तार भी किया गया था। बाद में वह जमानत पर छूट गया था।