बिहार के विधानसभा चुनाव में भले ही नीतीश कुमार कुछ फीके पड़ते दिखे हों और जेडीयू की सीटें उम्मीद से कम आने की आशंका है, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी का कमाल जरूर देखने को मिला है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार चुनाव के दौरान करीब दर्जन भर रैलियां की थीं और ऐसी ज्यादातर सीटों पर एनडीए आगे चल रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने सासाराम, गया, भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पटना, छपरा, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर, पश्चिमी चंपारण, सहरसा और फार्बिसगंज में एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में रैलियां की थीं।
भागलपुर की बात करें तो बीजेपी के रोहित पांडे कांग्रेस उम्मीदवार अजित शर्मा के मुकाबले आगे चल रहे हैं। दरभंगा की कुल 10 सीटों में से 9 पर एनडीए उम्मीदवारों की बढ़त कायम है। मुजफ्फरपुर की बात करें तो बीजेपी उम्मीदवार सुरेश कुमार शर्मा आगे चल रहे हैं। इसके अलावा पटना की ज्यादातर सीटों पर जेडीयू-बीजेपी का अलायंस आगे चल रहा है। बीजेपी के आलोक रंजन सहरसा सीट से आगे चल रहा है, जहां आरजेडी के लवली आनंद मैदान में थे।
इन रुझानों से साफ है कि पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से बिहार में चुनाव प्रचार किए जाने का सीधा असर एनडीए उम्मीदवारों की बढ़त के तौर पर दिख रहा है। यदि यह रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं तो इससे यह भी स्पष्ट होगा कि जनता में अब भी पीएम नरेंद्र मोदी का जादू बरकरार है। अब तक के रुझानों में बीजेपी राज्य में 76 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और दूसरे नंबर पर आरजेडी है।
पहली बार जेडीयू इतनी कमजोर स्थिति में देखने को मिल रही है और पार्टी सिर्फ 40 सीटों पर ही आगे है। साफ है कि बिहार की राजनीति में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने के साथ ही बीजेपी गठबंधन में भी बिग ब्रदर के तौर पर उभऱी है। यह स्थिति महत्वपूर्ण है क्योंकि लंबे समय से चले आ रहे गठबंधन में उसकी भूमिका जूनियर पार्टनर के तौर पर ही रही है। लेकिन इस बार बिहार के चुनाव परिणाम यदि रुझानों के अनुसार ही रहते हैं तो राज्य की राजनीति में यह बिहार के लिए टर्निंग पॉइंट होगा।