प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकल फॉर वोकल पहल के तहत शुक्रवार (21 अक्टूबर, 2022) को उत्तराखंड की अपनी यात्रा के दौरान लोगों से स्थानीय रूप से निर्मित उत्पादों को खरीदने की अपील की। उन्होंने पर्यटकों से कहा कि वह अपनी यात्रा का कुछ हिस्सा यहां स्थानीय रूप से बनाए गए उत्पादों को खरीदने पर खर्च करें।
बद्रीनाथ में चीन की सीमा से लगे आखिरी गांव माणा में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं देश के सभी पर्यटकों से अपील करता हूं कि वे अपनी यात्रा बजट का कम से कम 5 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय उत्पादों को खरीदने पर खर्च करें।”
इससे पहले भी कई बार उन्होंने विभिन्न अवसरों पर भारतीयों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए स्वदेशी उत्पाद खरीदने की अपील की थी। अंतरराष्ट्रीय सीमाओं और दूर-दराज के क्षेत्रों के पास स्थित गांवों के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित प्रत्येक गांव को अब भारत का पहला गांव माना जाएगा।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने करीब 1,000 करोड़ रुपए की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, माणा से माना दर्रा (एनएच07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) तक दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं सीमा तक हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करने की दिशा में एक और कदम होगा। कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा, ये परियोजनाएं रणनीतिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बद्रीनाथ में रिवरफ्रंट के विकास कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की। इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री ने बद्रीनाथ और केदारनाथ में पूजा-अर्चना की।
केदारनाथ में उन्होंने एक रोपवे परियोजना की आधारशिला रखी। यह लगभग 9.7 किमी लंबी होगी और गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगी, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से घटकर लगभग 30 मिनट हो जाएगा। रोपवे पर 2,430 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।